दिल्ली में हार के बाद केजरीवाल पर भड़के उनके गुरु अन्ना हजारे,राजनेता के जीवन में त्याग होना जरूरी है

आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल के ‘राजनीतिक गुरु’ अन्ना हजारे ने इशारों ही इशारों में बताया आखिर क्यों आम आदमी पार्टी से दिल्ली की जनता का विश्वास डगमगा रहा है. विधानसभा सीट के लिए जारी मतगणना के रुझानों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 42, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) 27 विधानसभा सीट पर आगे है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप के इस प्रदर्शन पर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की प्रतिक्रिया आई है. जिसमें उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ते समय उम्मीदवार का आचार शुद्ध होना, विचार शुद्ध होना, जीवन निष्कलंक होना. अन्ना ने इशारों ही इशारों में बताया कि आखिर दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सत्ता से बाहर होने की ओर क्यों बढ़ रहे हैं?अन्ना हजारे ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘एक राजनेता के जीवन में त्याग होना, अपना अपमान पीने की शक्ति होनी चाहिए. ये गुण अगर उम्मीदवार में हैं, तो मतदाताओं को विश्वास होता है कि ये हमारे लिए कुछ करने वाला है.

मैं बार-बार बताते गया, लेकिन उनके दिमाग में नहीं आया. इस बीच शराब का मुद्दा आ गया. शराब क्यों आई… लालच और पैसे के कारण. ऐसे में लोगों को मौका मिला.. जनता का विश्वास कुछ डगमगाया और ये हाल देखने को मिल रहा है.’ अरविंद केजरीवाल से उनके गुरु अन्ना हजारे बेहद खफा नजर आए. उन्होंने अरविंद केजरीवाल का नाम तो नहीं लिया, लेकिन इशारों ही इशारों में कहा दिया कि वह उस राह से भटक गए है, जिस पर उन्होंने शुरुआत की थी. ये वो रास्ता था, जिस पर अन्ना का हाथ पकड़कर केजरीवाल आगे बढ़े थे. अन्ना हजारे ने कहा कि लोगों ने देखा कि वे (अरविंद केजरीवाल) चरित्र की बात करते हैं, लेकिन शराब में लिप्त रहते हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए. राजनीति में आरोप लगते रहते हैं. किसी को यह साबित करना पड़ता है कि वह दोषी नहीं है. लेकिन सच सच ही रहेगा, इसे कोई बदल नहीं सकता है. जब बैठक हुई, तो मैंने तय किया कि मैं पार्टी का हिस्सा नहीं रहूंगा और मैं उस दिन से पार्टी से दूर हूं।