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अब ऐसे खोल सकते हैं अपना मेडिकल स्टोर!इस बिज़नेस में है खूब मुनाफा

अब ऐसे खोल सकते हैं अपना मेडिकल स्टोर!इस बिज़नेस में है खूब मुनाफा
  • PublishedAugust 13, 2025

अगर आप कोई ऐसा बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं जिसमें कम जोखिम हो, कमाई लगातार होती रहे और नकद लेनदेन की सुविधा हो, तो मेडिकल स्टोर यानी दवाइयों की दुकान एक बढ़िया विकल्प साबित हो सकता है. दवा का कारोबार कभी मंदा नहीं पड़ता क्योंकि बीमारियां और इलाज दोनों समय के साथ बढ़ते ही जा रहे हैं.मेडिकल स्टोर खोलने के लिए सबसे पहली और जरूरी शर्त है कि आपके पास फार्मेसी की पढ़ाई होनी चाहिए. यानी आपने B.Pharm या D.Pharm जैसी कोई डिग्री या डिप्लोमा किया हो. अगर आपने ये कोर्स नहीं किया है, तो आपको एक क्वालिफाइड फार्मासिस्ट रखना होगा, जिसके पास डिग्री और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट हो.

बिना फार्मासिस्ट के मेडिकल स्टोर चलाना गैरकानूनी है.दवाइयों की दुकान खोलने के लिए आपको अपने राज्य के ड्रग कंट्रोलर ऑफिस से लाइसेंस लेना पड़ता है. इसके लिए कुछ अहम दस्तावेज जमा करने होते हैं. फार्मासिस्ट का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, दुकान का नक्शा, आधार और पैन कार्ड, दुकान की मिल्कियत या किराए का कागज़ और साथ ही GST रजिस्ट्रेशन करवाना भी जरूरी होता है. बिना लाइसेंस के दवा बेचना कानूनन अपराध है.मेडिकल स्टोर खोल लेने के बाद स्टोर में रखी गई दवाइयों की एक्सपायरी डेट पर हमेशा नजर रखना बेहद जरूरी है. अगर कोई एक्सपायर दवा गलती से भी बेच दी जाती है या स्टोर में पाई जाती है, तो उसके लिए भारी जुर्माना और लाइसेंस रद्द होने तक की कार्रवाई हो सकती है. ऐसे में इस बिजनेस में चौकन्ना रहना सबसे जरूरी है.एक औसत मेडिकल स्टोर खोलने में करीब 7 से 10 लाख रुपये तक का निवेश लगता है. इसमें दवाइयों का शुरुआती स्टॉक, दुकान की साज-सज्जा, फ्रिज, काउंटर, अलमारी जैसी जरूरतें और लाइसेंस बनवाने के खर्चे शामिल होते हैं. दुकान खुलने के बाद अब आते हैं मुनाफे पर. मिंट की एक खबर के मुताबिक, रिटेल स्तर पर दवाइयां बेचने पर 20 से 25 फीसदी तक का मुनाफा मिल सकता है. वहीं अगर कोई व्यापारी होलसेल में काम करता है यानी अस्पतालों या अन्य दुकानों को दवाएं सप्लाई करता है, तो मुनाफा 30 से 40 फीसदी तक भी पहुंच सकता है. इस बिज़नेस में पैसे का फ्लो तेज होता है और रोज़ की बिक्री से रोज़ कमाई भी होती है.अगर किसी को खुद का मेडिकल स्टोर शुरू करने में झिझक हो रही हो, तो वो किसी बड़े ब्रांड की फ्रैंचाइज़ी लेकर भी दुकान खोल सकता है. ब्रांड की पहचान पहले से होती है, जिससे ग्राहक जल्दी जुड़ते हैं और बिज़नेस को रफ्तार मिलती है. साथ ही, शुरुआत में जो रिस्क होता है, वो भी काफी हद तक कम हो जाता है.मेडिकल स्टोर का बिज़नेस जितना फायदे का है, उतना ही जिम्मेदारी वाला भी है. सभी कागज़ात पूरे हों, लाइसेंस सही तरीके से लिया गया हो और किसी भी हालत में कानून की अनदेखी न हो . ये बातें हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए. अगर दवाओं की बिक्री में कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो प्रशासन सख्त कार्रवाई करता है।

Written By
Aagaaz Express

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