बड़हरा विधानसभा सीट पर रहेगी कड़ी टक्कर,जानिए यहां का MY और लव-कुश का समीकरण
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। भोजपुर जिले की बड़हरा सीट भी काफी सुर्खियों में है। आरा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत ये सीट आती है। बड़हरा विधानसभा क्षेत्र को सामान्य श्रेणी की सीट का दर्जा 1951 से प्राप्त है। गंगा के किनारे बसा ये क्षेत्र कृषि-प्रधान इलाके के लिए मशहूर है। बड़हरा विधानसभा क्षेत्र में इजरी और सुंदरपुर जैसे ग्राम पंचायतें शामिल हैं। यह इलाका गंगा के तट पर फैला है, जहां उपजाऊ मिट्टी खेती को समृद्ध बनाती है, लेकिन मानसून में बाढ़ सब कुछ तबाह कर देती है। राजनीतिक रूप से यह सीट एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ी जंग का अखाड़ा रही है। वर्तमान विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह (BJP) हैं, जिन्होंने 2020 में जीत दर्ज की थी। यह ‘MY-बिहारी’ (मुस्लिम-यादव) और ‘लव-कुश’ (कुशवाहा-कोएरी) समीकरण पुरानी राजनीति को प्रतिबिंबित करता है। एनडीए राजपूत-ब्राह्मण-ईबीसी फॉर्मूला पर निर्भर करता है, जबकि महागठबंधन यादव-एससी-मुस्लिम गठजोड़ से चुनौती देता है।

चुनावी पंडितों का कहना है कि कुशवाहा वोट का झुकाव ही 2025 में सीट की दशा तय करेगा।पिछले तीन विधानसभा चुनावों में बड़हरा सीट पर यादव-राजपूत की सीधी टक्कर देखने को मिली है। 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए की लहर में बीजेपी के राघवेंद्र प्रताप सिंह ने महागठबंधन की सरोज यादव को करीब 5,000 के करीब वोटों से हराया था।2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की जीत के दौर में आरजेडी की सरोज यादव ने बीजेपी की आशा देवी को 13,308 वोटों की बढ़त से शिकस्त दी थी। तब आरजेडी का वोट शेयर 44.34%, बीजेपी का 35.26% रहा था।2010 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी के राघवेंद्र प्रताप सिंह ने जेडीयू की आशा देवी को बेहद कम अंतर (1,083 वोट) से हराया था। कुल वैलिड वोट 1,11,049 पड़े थे।