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भारत आज भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गर्व करता है,राज्यसभा में बोलीं निर्मला सीतारमण

भारत आज भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गर्व करता है,राज्यसभा में बोलीं निर्मला सीतारमण
  • PublishedDecember 16, 2024

राज्यसभा में संविधान पर बहस के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘1950 में सुप्रीम कोर्ट ने कम्युनिस्ट पत्रिका ‘क्रॉस रोड्स’ और आरएसएस की संगठनात्मक पत्रिका ‘ऑर्गनाइजर’ के पक्ष में फैसला सुनाया था. लेकिन इसके जवाब में (तत्कालीन) अंतरिम सरकार ने सोचा कि पहले संविधान संशोधन की आवश्यकता है और इसे कांग्रेस द्वारा लाया गया था. यह अनिवार्य रूप से स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए था. भारत आज भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गर्व करता है. देश ने पहली अंतरिम सरकार को एक संविधान संशोधन के साथ आते देखा, जिसका उद्देश्य भारतीयों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाना था।

राज्यसभा में संविधान पर बहस के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘जैसा कि हम अपने संविधान के 75वें वर्ष का जश्न मना रहे हैं, मुझे लगता है कि यह समय है कि हम एक ऐसे भारत का निर्माण करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करें जो इस पवित्र दस्तावेज में निहित भावना को कायम रखे. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 50 से अधिक देश स्वतंत्र हो गए थे. उनका संविधान लिखा हुआ था. लेकिन कई देशों ने अपने संविधानों को बदल दिया, न केवल उनमें संशोधन किया बल्कि सचमुच उनके संविधान की पूरी विशेषता को बदल दिया लेकिन हमारा संविधान समय की कसौटी पर खरा उतरा है, बेशक, बहुत से संशोधनों के बावजूद भी इसमें बदलाव हुए हैं।

Written By
Aagaaz Express

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