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देश के दलितों को लुभाने में जुटे हैं राहुल गांधी,मायावती के वोट बैंक में कांग्रेस करेगी सेंधमारी

देश के दलितों को लुभाने में जुटे हैं राहुल गांधी,मायावती के वोट बैंक में कांग्रेस करेगी सेंधमारी
  • PublishedJanuary 24, 2025

कांग्रेस अपनी खोई भी सियासी जमीन को दोबारा से पाने के लिए बेताब है. कांग्रेस देश के अलग-अलग हिस्सों में ‘जय बापू, जय भीम और जय संविधान’ नाम से जनसभाएं कर रही है. कांग्रेस सीलमपुर से इस अभियान का आगाज किया था और दूसरी रैली कर्नाटक के बेलगामी में किया और अब तीसरी रैली 28 जनवरी को डॉ भीमराव आंबेडकर के जन्म स्थली महू में करेगी. कांग्रेस जनसभा के जरिए दलित समाज के दिल को जीतना चाहती है, जिसके लिए बसपा की सियासी नक्शेकदम पर चलती नजर आ रही।आजादी के बाद से कांग्रेस का दलित कोर वोटबैंक हुआ करता था, लेकिन अस्सी के दशक में बसपा के सियासी उदय के बाद से दलित समाज उत्तर भारत के राज्यों से पूरी तरह छिटक गया है. दलितों का एक बड़ा तबका बीजेपी के साथ जुड़ गया है. 2024 के लोकसभा चुनाव में संविधान और आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस दलित वोटों में सेंधमारी करती नजर आई है, जिसके बाद ही कांग्रेस ही दलित समाज के विश्वास को हासिल करने के लिए खुलकर जमीन पर उतरने की स्टैटेजी बनाई है.

इसी के तहत कांग्रेस ने जय बापू, जय भीम और जय संविधान नाम से अभियान चलाने का ऐलान किया।दलित समाज के राजनीतिक और सामाजिक चेतना जगाने के लिए अस्सी के दशक में बसपा का गठन किया था. बसपा की क्या पहचान, नीला झंडा और हाथी निशान… यह नारा दलित गांव में गूंजने लगा था. दलित समाज के बीच बसपा की यही पहचान थी, लेकिन बदले हुए दौर में मायावती से दूर हुआ है. बसपा की स्टाइल में ही कांग्रेस ने दलित समाज के विश्वास को जीतने की कवायद में है, जिसके लिएराहुल गांधी से लेकर प्रियंका गांधी सहित तमाम कांग्रेसी नेताओं के गले में नीला अंगवस्त्र पड़ा दिखा दे रहा है।कांग्रेस देशभर में अनुसूचित जाति वर्ग पर नजर जमाए जय बापू, जय भीम, जय संविधान अभियान चला रही है. कांग्रेस इसी आस से चला रही है कि जैसे लोकसभा चुनाव में उसने विपक्षी दलों के साथ मिलकर बीजेपी को दलित वर्ग के बीच आंबेडकर, आरक्षण और संविधान विरोधी प्रचारित करने में कामयाब रही, उसी तरह देशभर में दलितों को अपने साथ लामबंद या जा सकता है. कांग्रेस के इस प्रयोग की आंशिक सफलता 2024 हासिल कर चुकी हैं,जिसे लेकर अब देशभर में करने की स्टैटेजी मानी जा रही।कांग्रेस के रणनीतिकार मानते हैं कि बसपा के कमजोर होने के बाद फिलहाल दलित वोटर कहीं स्थाई तौर पर नहीं जुड़ा है. कांग्रेस को लगता है कि लोकसभा चुनाव की तरह ही अपने पुराने दलित वोट बैंक को फिर अपनी ओर खींचा जा सकता है. देश में जय बापू, जय भीम, जय संविधान अभियान चला रही है. 27 जनवरी को आंबेडकर की जन्मस्थली महू में भी यह कार्यक्रम होने जा रहा है, जिसमें दलित वर्ग से आने वाले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा समेत अन्य दिग्गजों का शामिल होंगे।

Written By
Aagaaz Express

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