इस मुद्दे के जरिए दिल्ली की सत्ता पर आप पर भारी पड़ी बीजेपी,जानिए कैसे जीत की हासिल?

दिल्ली विधानसभा चुनाव की मतगणना जारी है. अब तक मिले रुझानों के मुताबिक बीजेपी दिल्ली में 27 साल बाद वापसी करती नजर आ रही है. अभी तक सभी 70 सीटों के रूझान आ गए हैं. इनमें बीजेपी 41 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है तो आम आदमी पार्टी को 29 सीटों पर बढ़त हासिल है.ये रूझान बता रहे हैं कि दिल्ली में अगली सरकार बीजेपी की बनने जा रही है.बीजेपी दिल्ली में 27 साल बाद वापसी कर रही है. बीजेपी ने दिल्ली में अंतिम चुनाव 1993 में जीता था.आइए जानते हैं कि दिल्ली में बीजेपी को मिली इस बंपर जीत के प्रमुख कारण क्या हैं।दिल्ली की आम आदमी पार्टी ने 2021 में नई आबकारी नीति जारी की थी. इसके जारी होने के बाद से ही बीजेपी इसमें भ्रष्टाचार के आरोप लगाने शुरू कर दिए थे. उसने इसकी शिकायत उपराज्यपाल से की. उन्होंने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी.

बाद में इस जांच में प्रवर्तन निदेशालय भी शामिल हो गया. इस मामले में जांच एजेंसियों ने अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, राज्य सभा सांसद संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया. इस समय ये नेता जमानत पर बाहर हैं.कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन भी भ्रष्टाचार के आरोप में जेल भेजे गए. आप के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुद्दे को बीजेपी पिछले काफी समय से गरमाए रखा. यह एक ऐसा मुद्दा था, जिस पर आम आदमी पार्टी को डिफेंसिव होना पड़ा. भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से पैदा हुई आम आदमी पार्टी अपने दामन पर लगे भ्रष्टाचार के दाग को छुड़ा नहीं पाई।बीजेपी दिल्ली में पिछले काफी समय से मुख्यमंत्री आवास को मुद्दा बनाए रखी. मुख्यमंत्री आवास को बीजेपी शीशमहल बताती है. इस साल तीन जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी ने अशोक विहार में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा,”मैं भी कोई शीशमहल बना सकता था, लेकिन मेरा सपना था कि देशवासियों को पक्का घर मिले. देश जानता है कि मोदी ने कभी अपने लिए घर नहीं बनाया.” बीजेपी लगातार यह आरोप लगाती रही कि अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री आवास को सजाने पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिए. बीजेपी इस मुद्दे को इसलिए गरमाए रखा कि अरविंद केजरीवाल के आम आदमी की छवि को तोड़ा जा सके. बीजेपी अपने इस मकसद में सफल रही. यह चुनाव परिणाम में नजर आ रहा है।