दलित पॉलिटिक्स की हुई शुरुआत,तेजस्वी ने लगे हाथ कर दिया बड़ा खेल!

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने सत्तू के क्रेज को बिहार से निकाल कर देशव्यापी बना दिया था. अब उन्हीं के नक्शे कदम पर उनके पुत्र तेजस्वी यादव चल रहे हैं।तेजस्वी यादव ने आज अपने विधानसभा क्षेत्र राघोपुर के एक दलित व्यक्ति के घर पर जाकर सत्तू खाया और बताया कि आज सत्तू क्यों खाया जाता है. साथ ही उन्होंने कहा कि पहली बार उनको सत्तू का स्वाद किसने चखाया था? तेजस्वी यादव ने पीतल के थाली में सत्तू को अच्छे से गूंथा, आम का अचार लिया और कच्चे प्याज के साथ खूब चाव से खाया. हालांकि तेजस्वी यादव ने अपने सत्तू को मिनरल वाटर से गूंथा था।दरअसल, आज संविधान निर्माता बाबा भीमराव अंबेडकर की जयंती है. बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव अपने विधानसभा क्षेत्र राघोपुर में बाबा भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाने गए थे. वक्त सुबह का था तो, वह राघोपुर के ही एक दलित लगनदेव दास के परिवार के घर चले गए।तेजस्वी यादव ने सत्तू खाने की मांग की. इसके बाद वहां सत्तू खिलाने की व्यवस्था की गई.

तेजस्वी यादव के लिए नई पीतल की थाली की व्यवस्था की गई. चार अनाज से बना हुआ सत्तू दिया गया. फिर, तेजस्वी यादव ने खुद ही सतु को अच्छे से गूंथा. आम के अचार, कच्चे प्याज के साथ बहुत ही स्वाद लेकर खाने लगे।तेजस्वी यादव को सत्तू खाते हुए देखने के बाद जब उनसे सवाल पूछा गया कि आप सत्तू आज क्यों खा रहे हैं तो तेजस्वी यादव ने कहा कि आज सतुआनी है. आज के दिन बिहार में परंपरा रही है, संस्कृति रही है कि आज के दिन हम लोग सत्तू खाते हैं. आज अंबेडकर जयंती है. अभी हम लोगों ने अपने विधानसभा क्षेत्र राघोपुर के दलित टोले रामपुर पंचायत में अंबेडकर जयंती मनाया है. हमारे दलित भाई लगन देवदास उनके यहां आकर हम लोग सतुआनी मनाने का भी काम कर रहे हैं।