Blog

आज एक मंच पर दिखेंगे उद्धव और राज ठाकरे,विक्ट्री रैली के जरिए दिखाएंगे अपनी ताकत

आज एक मंच पर दिखेंगे उद्धव और राज ठाकरे,विक्ट्री रैली के जरिए दिखाएंगे अपनी ताकत
  • PublishedJuly 5, 2025

उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे पूरे 20 साल बाद एक बार फिर एक ही मंच पर साथ नजर आएंगे. दोनों विजय रैली में शामिल होंगे. सत्ता के चलते दोनों भाइयों ने अपने रास्ते अलग-अलग कर लिए थे. इसी के बाद आज वो दिन एक बार फिर आया है जब आज वर्ली में विक्ट्री रैली में साथ नजर आएंगे. दोनों भाइयों की केमिस्ट्री एक बार फिर दिखेगी, वहीं यह उम्मीद भी जताई जा रही है कि दोनों भाई कोई पॉलिटिकल मैसेज भी दे सकते हैं.दोनों बंधु को मराठी से प्यार ने एक बार फिर एक स्टेज पर आने का मौका दिया है, यह कहना गलत नहीं होगा. हाल ही में महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार ने तीन भाषा नीति को लेकर एक शासनादेश जारी किया था. इसी को लेकर महाराष्ट्र में विवाद छिड़ गया. दोनों ठाकरे बंधु इसके खिलाफ खड़े हो गए. इसी के बाद सरकार ने इस शासनादेश पर यू-टर्न लिया. साथ ही हिंदी पढ़ाने को लेकर दिए गए आदेश को रद्द कर दिया. सरकार के इस फैसले को ठाकरे बंधु अपनी जीत के रूप में पेश कर रहे हैं. महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले से कदम पीछे खींचने के बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे इसको मराठी अस्मिता की जीत की तरफ पेश कर रहे हैं.

इससे पहले आखिरी बार दोनों भाई 2005 में एक साथ एक मंच पर दिखाई थे. मौका था चुनाव का, जब मालवन विधानसभा उपचुनाव के चुनाव प्रचार के लिए दोनों एक ही मंच पर मौजूद थे. जब पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने अविभाजित शिवसेना छोड़ दी थी. राज ठाकरे ने भी उसी साल शिव सेना छोड़ दी. राज ठाकरे ने 27 नवंबर 2005 में ही पार्टी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. इसी के बाद राज ठाकरे ने साल 2006 में एमएनएस का गठन किया.ठाकरे बंधु की यह विक्ट्री रैली वर्ली में एनएससीआई डोम में होगी. उम्मीद जताई जा रही है कि इस रैली में बड़ी तादाद में लोग जुड़ेंगे. यह रैली जहां आयोजित की जा रही है वो शिव सेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे के विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है.शिवसेना यूबीटी के नेता अरविंद सावंत ने कहा, इस रैली में 50 हजार से 1 लाख लोग एक साथ आएंगे. अरविंद सावंत ने आगे कहा, ठाकरे भाई अभी मराठी भाषा को मामले पर साथ आ रहे हैं. आगे चुनाव में साथ रहेंगे या नहीं ये दोनों भाइयों को तय करना है. लेकिन, अब लोग दोनों को साथ देखना चाहते हैं, ईश्वर की मर्जी जो होगी वही होगा. शिवसेना (यूबीटी) और एमएनएस दोनों ने कार्यक्रम के दौरान किसी भी पार्टी के झंडे, बैनर, चुनाव चिन्ह, होर्डिंग्स और स्कार्फ का इस्तेमाल नहीं करने का फैसला किया है।

Written By
Aagaaz Express

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *