अजित पवार धीरे-धीरे होते जा रहे हैं कमजोर,पार्टी में कई नेताओं ने अपनाया बागी सुर

महाराष्ट्र की महायुति सरकार में सहयोगी अजिव पवार की एनसीपी संकट के दौरा से गुजर रही है. एक तरफ मंत्री पद को लेकर पार्टी के भीतर असंतोष की भावना है तो दूसरी तरफ पार्टी कोटे के वरिष्ठ मंत्री धनंजय मुंडे के खिलाफ विरोध की आवाज उठने लगी है. ये आवाज कोई और नहीं बल्कि एनसीपी के भीतर से ही उठ रही है. पार्टी सुप्रीमो अजित पवार इन बवालों को थामने में विफल दिख रहे हैं. इस बीच चर्चा यह भी है कि अजित पवार और उनके चाचा शरद पवार फिर साथ आ सकते हैं. क्योंकि परिवार के भीतर से ही इन दोनों दिग्गजों के फिर से साथ आने की बात कही जा रही है।इस वक्त एनसीपी अजित गुट के सीनियर नेता छगन भुजबल बगावती रुख अपनाए हुए हैं. सीएम देवेंद्र फडणवीस की सरकार में मंत्री पद नहीं मिलने के कारण वह नाराज हैं.

वह घूम-घूम कर मंत्री पद नहीं मिलने पर अपनी नाराजगी जता रहे हैं. इस बीच एएनआई से बातचीत में एक सवाल पर उन्होंने कहा कि जिस तरह आप अपनी नौकरी चले जाने पर अपसेट हो जाते हैं उसी तरह मैं मंत्री पद नहीं मिलने से आहत हूं. इतना ही नहीं उन्होंने धनंजय मुंडे के इस्तीफे को लेकर भी बयान दिया है।दरअसल, बीड के मसजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या मामले में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. हत्या के करीब 24 दिन बाद पुलिस मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने में कामयाब रही. वहीं, इसी मामले से जुड़े रंगदारी के मामले में वाल्मीक कराड गिरफ्तार हैं. आरोप लगाया जा रहा है कि कराड का राज्य के मंत्री धनंजय मुंडे से रिश्ता है. उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है. एनसीपी में भी धनंजय मुंडे को लेकर मतभेद नजर आ रहा है।