पाकिस्तान को लेकर अमेरिका की रणनीति पर सवाल उठना कोई नई बात नहीं है. लेकिन जब यही नीति अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जैसे नेता के जरिए बदलती दिखे जो इस्लामाबाद को आतंकवाद का गढ़ कहते थे, और अब उसकी तारीफों के पुल बांध रहे हैं तो शक और गहरा हो जाता है.ट्रंप और उनकी टीम का हालिया पाक प्रेम के देखकर एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं कि क्या अमेरिका वाकई आतंक के खिलाफ है या सिर्फ अपने फायदे की बिसात बिछा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि एक तरफ तो आतंक पर लगाम कसने के लिए यूएस टीआरएफ पर बैन लगाया है, वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान की आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए झूठी वाहवाही करता है.अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने हाल ही में पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार से मुलाक़ात की.

इस दौरान उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ाने और खनिज क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा हुई. इसके साथ ही रुबियो ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान के साथ साझेदारी के लिए उसका आभार जताया और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने में उसके योगदान की तारीफ भी की।2018 में डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में पाकिस्तान को जमकर खरी-खोटी सुनाई थी. उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि, “अमेरिका ने पिछले 15 सालों में पाकिस्तान को बेवकूफी में 33 अरब डॉलर से ज्यादा की मदद दी, और बदले में हमें सिर्फ झूठ और धोखा मिला. उन्होंने हमारे नेताओं को मूर्ख समझा. वे उन आतंकियों को सुरक्षित ठिकाने देते हैं, जिनका हम अफगानिस्तान में पीछा कर रहे हैं. अब और नहीं!”इस बयान में ट्रंप ने पाकिस्तान को झूठा, धोखेबाज और आतंकियों का पनाहगार बताया था. अमेरिका ने इसी के बाद पाकिस्तान की सैन्य मदद पर रोक भी लगा दी थी. लेकिन अब 2025 में ट्रंप और उनकी टीम के सुर पूरी तरह बदल चुके हैं. पाकिस्तानी जनरल्स को डिनर पर बुलाने से लेकर उनके विदेश मंत्रियों से मेल-मुलाकातें, सबकुछ एक नए रिश्ते की ओर इशारा करता है.अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर से बंद कमरे में मुलाकात की थी. दोनों ने व्हाइट हाउस के कैबिनेट रूम में साथ लंच किया था. ये पहली बार था जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ की मेजबानी की थी. ये मुलाकात मुनीर के ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की मांग वाले बयान के बाद हुई. जानकारी के मुताबिक मुनीर ने ट्रंप को मई में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष रुकवाने का क्रेडिट दिया है. उनके इस बयान के सम्मान में ट्रंप ने उन्हें लंच पर बुलाया था।