शिक्षाविद् से राजनीति में एंट्री करने वाले अवध ओझा ने आम आदमी पार्टी का साथ छोड़ दिया है. उनके इस्तीफे की अटकलें बीते कुछ दिनों से चर्चा में थी, लेकिन मंगलवार को उन्होंने स्वयं इसकी पुष्टि कर दी. आम आदमी पार्टी में एंट्री लेने के साथ ही अवध ओझा को पार्टी ने खास तवज्जो दिया था. पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज विधानसभा सीट जिससे मनीष सिसोदिया विधायक चुने गए थे, इस सीट से अवध ओझा को फरवरी में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव 2025 का टिकट दिया था. हालांकि, अवध ओझा चुनाव हार गए और उसके बाद बीते कुछ महीनों से वह आम आदमी पार्टी से अलग-थलग हो गए थे.मंगलवार को अवध ओझा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर आम आदमी पार्टी छोड़ने के साथ ही राजनीति से संन्यास लेने की सूचना साझा की. उनके इस्तीफे के बाद एक बार फिर पार्टी छोड़ने वाले नेताओं की लंबी फेहरिस्त और कारण चर्चा में हैं. प्रसिद्ध शिक्षक अवध ओझा की राजनीतिक पारी बेहद छोटी रही. ओझा ने कहा कि पार्टी लाइन के बंधन में रहते हुए वे स्वतंत्र रूप से अपनी बात नहीं कह पा रहे थे.

राजनीति छोड़ने के बाद वे खुद को मानसिक रूप से ज्यादा खुश और आज़ाद महसूस कर रहे हैं.आदरणीय अरविंद जी ,मनीष जी, संजय जी, सभी आप के पदाधिकारी, कार्यकर्ता, नेता आदि आप सभी का दिल बहुत बहुत धन्यवाद. जो प्रेम और सम्मान अपने दिया उसका ऋणी रहूँगा. राजनीति से संन्यास मेरा व्यक्तिगत निर्णय है. अरविंद जी आप एक बहुत महान नेता है. जय हिन्द.”- अवध ओझाAAP छोड़ने वालों की फेहरिस्त काफी लंबीआम आदमी पार्टी छोड़ने वालों की फेहरिस्त बहुत लंबी है. स्थापना के 13 साल में ही कई जाने-माने लोगों ने आम आदमी पार्टी से अपना नाता तोड़ लिया. इस साल ही जिन नेताओं ने पार्टी छोड़ी, उनमें बड़े नाम शामिल हैं. जिनमें कैलाश गहलोत (दिल्ली के पूर्व परिवहन मंत्री और वर्तमान में बीजेपी विधायक), राजेंद्र पाल गौतम (पूर्व मंत्री, दलित नेता और अब कांग्रेस नेता) और इसी सप्ताह राजेश गुप्ता (दो बार आप विधायक और अब बीजेपी नेता) समेत बड़ी संख्या में विधायक, पार्षद और स्थानीय पदाधिकारी शामिल हैं.अवध ओझा जैसे शिक्षाविद का पार्टी और राजनीति से अलग होना आम आदमी पार्टी के लिए प्रतीकात्मक रूप से बड़ा झटका है, लेकिन वे इस फैसले को व्यक्तिगत सुख और स्वतंत्रता के तौर पर देख रहे हैं. वहीं, पिछले कुछ वर्षों में आप छोड़ने वालों की सूची में लगातार नए नाम जुड़ते जाना पार्टी के लिए गंभीर चिंता का विषय है, जिसके कारण पार्टी के भविष्य और आंतरिक लोकतंत्र को लेकर बहस फिर तेज हो गई है.”-नवीन गौतम, राजनीतिक विश्लेषकइसके आलावा, आम आदमी पार्टी छोड़ने वाली सूची में बीते वर्षों में योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, कुमार विश्वास, कपिल मिश्रा, आशुतोष, आशीष खेतान, शाजिया इल्मी, प्रो. आनंद कुमार जैसे दर्जनों नाम शामिल हैं. इतना ही नहीं इसी वर्ष दिल्ली नगर निगम में जोन चुनाव के दौरान 13 पार्षदों ने भी पार्टी से इस्तीफा देकर अपनी अलग पार्टी बना ली थी. बता दें कि राजनीतिक विश्लेषक नवीन गौतम ने ईटीवी भारत से इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अवध ओझा जैसे शिक्षाविद का पार्टी और राजनीति से अलग होना आम आदमी पार्टी के लिए प्रतीकात्मक रूप से बड़ा झटका है.