बाबर कोई मसीहा नहीं था,जिसके नाम मस्जिद बन रही है-खूब बोले इकबाल अंसारी
तृणमूल कांग्रेस (TMC) के विधायक हुमायूं कबीर ने पश्चिम बंगाल के बेलडांगा में ‘बाबरी मस्जिद’ की नींव रख दी है. हुमायूं कबीर के इस कदम को ज्यादातर लोग धर्म से ज्यादा पॉलिटिकल मूव मान रहे हैं. अयोध्या मामले में पैरोकार रहे इकबाल अंसारी ने भी इस मस्जिद पर आपत्ति जताई है और कहा कि मंदिर-मस्जिद राजनीति के लिए जगह नहीं है. हुमायूं कबीर की मंशा पर भी इकबाल अंसारी ने सवाल उठाए हैं. इकबाल अंसारी ने निलंबित TMC विधायक हुमायूं कबीर द्वारा बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की नींव रखे जाने के मामले पर कहा, ‘आज राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद का कोई विवाद नहीं है. कोर्ट ने जो फैसला किया, उसका पूरे देश के मुसलमानों ने सम्मान किया. आज बंगाल में TMC के नेताओं को चुनाव से पहले बाबर के नाम की मस्जिद की याद आ गई.

चुनाव अभी शुरू नहीं हुआ, लेकिन मंदिर-मस्जिद की राजनीति शुरू हो गई. हम इसे राजनीति ही मानते हैं. हमारा मानना है कि बाबर के नाम पर कोई मस्जिद नहीं बननी चाहिए क्योंकि बाबर कोई मसीहा नहीं था.’इकबाल अंसारी ने कहा कि बाबर ने कोई काम ऐसा किया ही नहीं कि उसके नाम पर मस्जिद बननी चाहिए. देशहित में बाबर ने कुछ नहीं किया. बाबर ने देश में कोई अस्पताल या स्कूल नहीं बनाया. इसलिए बाबर के नाम की कोई मस्जिद भी नहीं बननी चाहिए. टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने शनिवार को मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में बाबरी नामक मस्जिद की आधारशिला रख दी. राज्य पुलिस, त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) और केंद्रीय बलों की भारी तैनाती के बीच, कबीर ने मौलवियों के साथ, रेजिनगर में एक विशाल मंच पर औपचारिक फीता काटा, जबकि वास्तविक मस्जिद निर्माण स्थल आयोजन स्थल से लगभग एक किलोमीटर दूर था. इस दौरान ‘नारा-ए-तकबीर, अल्लाहु अकबर’ के नारे लगे और हजारों लोग सुबह से ही कार्यक्रम स्थल पर उमड़ पड़े. वहां मौजूद लोगों में से कई प्रतीकात्मक रूप से अपने सिर पर ईंट लिए हुए थे.