मौसम विभाग का आ गया बड़ा अपडेट,जून के अंत में होगी जमकर बारिश
इस बार मानसून अपने तय समय से बिहार नहीं पहुंच पाया है. 29 मई से ही यह सिक्किम में अटका हुआ है और हवा की दिशा में बदलाव के बाद ही इसके बिहार की ओर बढ़ने की संभावना जताई जा रही है. मौसम विज्ञान केंद्र पटना ने जहां 19 जिलों में आंधी-तूफान और वज्रपात के साथ बारिश का अलर्ट जारी किया है वहीं आधे जिलों में हीट वेव को लेकर चेतावनी है।पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, सिवान, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया और कटिहार जिला शामिल है. वहीं 19 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया इन जिलों में मौसम विभाग ने 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा, वज्रपात और कुछ क्षेत्रों में बारिश की संभावना जताई है. इन सभी 19 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।आनंद शंकर ने बताया कि अभी के समय प्रदेश में पूर्वी हवा के प्रभाव के कारण लोगों को वास्तविक तापमान से अधिक गर्मी महसूस हो रही है. मौसम वैज्ञानिक आनंद शंकर बताते हैं कि इस ‘हीट इंडेक्स’ की वजह से भले ही तापमान 39-40 डिग्री हो, लेकिन उमस के कारण शरीर पर इसका असर 44-45 डिग्री के तापमान जैसा महसूस होता है. उन्होंने बताया कि उत्तर-पूर्व बिहार के जिलों खासकर किशनगंज, सुपौल, अररिया और कटिहार में हल्की वर्षा की संभावना जताई गई है।मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार बिहार में मानसून की एंट्री 12 से 15 जून तक हो जाना था लेकिन अब लेट होने की संभावना है. संभवत: 17 जून को पूर्णिया और किशनगंज के रास्ते मानसून बिहार में प्रवेश करने की संभावना है. इसके बाद ही लोगों को गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है।मौसम वैज्ञानिक आनंद शंकर ने बताया कि वर्ष 2023 और 2024 की तुलना में इस बार प्रदेश में गर्मी की तीव्रता अपेक्षाकृत कम रही है. पिछले दो वर्षों में मई-जून के दौरान दो-दो बार लंबी हीट वेव की स्थिति बनी थी, लेकिन 2025 में अब तक हीट वेव जैसी कोई व्यापक स्थिति नहीं देखी गई है.

फिर भी, बीते दो-तीन दिनों से राज्य में तापमान में वृद्धि दर्ज की गई है. विशेष रूप से पटना और दक्षिण बिहार के जिलों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है. यह स्थिति बिहार में अगले 24 घंटे के लिए बनी हुई है।मौसम विज्ञान केंद्र और वैश्विक जलवायु संकेत दोनों मानसून की सकारात्मक शुरुआत की ओर इशारा कर रहे हैं, लेकिन स्थिति पूरी तरह हवा की दिशा और ला-नीना की मजबूती पर निर्भर करेगी. फिलहाल किसानों और आम नागरिकों को कुछ दिन और इंतजार करना होगा, उम्मीद है कि जून के अंत तक बिहार मानसून की ठंडी बौछारों से तरबतर होगा।