Blog

अगले साल से शुरू होने जा रही है जनगणना,आ गया नया और फाइनल डेट

अगले साल से शुरू होने जा रही है जनगणना,आ गया नया और फाइनल डेट
  • PublishedDecember 3, 2025

सरकार ने बताया है कि अगले साल से शुरू होने वाली जनगणना दो चरणों में होगी. इसका पहला चरण अगले साल अप्रैल से सितंबर के बीच होगा. जबकि जनगणना का दूसरा चरण फरवरी 2027 में शुरू होगा.सरकार ने यह जानकारी मंगलवार को लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के एक सवाल के लिखित जवाब में दी.गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन को बताया कि पहले चरण में मकान सूचीकरण और आवास गणना की जाएगी. दूसरे चरण में आबादी की गिनती होगी. सरकार ने इस साल 16 जून को जनगणना कराने की अधिसूचना जारी की थी. गृह राज्य मंत्री ने बताया कि आबादी की गणना फरवरी 2027 में की जाएगी. यह फरवरी 2027 से शुरू होकर एक मार्च 2027 की मध्य रात्रि तक चलेगी.

हालांकि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख, जम्मू कश्मीर के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बर्फिले इलाकों में लोगों की गणना सितंबर 2026 में ही होगी. इसकी संदर्भ तिथि एक अक्टूबर 2026 की मध्यरात्रि होगी. गृह राज्य मंत्री ने बताया कि जनगणना की प्रत्येक कवायद से पहले विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, संगठनों और जनगणना डेटा उपयोगकर्ताओं से मिली जानकारी और सुझावों के आधार पर जनगणना से संबंधित प्रश्नावली को अंतिम रूप दिया जाता है.मंत्री ने बताया है कि जनगणना का इतिहास 150 साल से भी अधिक पुराना है.उन्होंने बताया कि हर जनगणना में पिछली जनगणनाओं के अनुभवों का ध्यान रखा जाता है.एक दूसरे सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि इस साल 30 अप्रैल को कैबिनेट की राजनीतिक मामलों की समिति ने जातिवार जनगणना कराने का फैसला किया था. एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2027 की जनगणना डिजिटल माध्यम से की जाएगी. इसमें मोबाइल ऐप के माध्यम से डेटा एकत्र किया जाएगा और स्व-गणना के लिए ऑनलाइन प्रावधान होगा.गृह राज्य मंत्री ने तृणमूल कांग्रेस के शत्रुघ्न सिन्हा के एक सवाल के जवाब में बताया कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनतातियों की गणना अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनतातियों की अधिसूचित सूची के मुताबिक ही की जाती है. उन्होंने बताया कि इस साल 30 अप्रैल को हुई कैबिनेट की राजनीतिक मामलों की समिति के फैसले के मुताबिक इस साल की जनगणना में सभी जातियों की गिनती की जाएगी. जनगणना प्रपत्र के सभी सवालों को अंतिम रूप दिए जाने के बाद उसे अधिसूचित किया जाएगा. जनगणना अधिनियम 1948 की धारा-8 की उपधारा 2 के तहर हर प्रत्यर्थी को अपने सर्वोत्तम ज्ञान या विश्वास के मुताबिक सवालों के जवाब देने होते हैं.

Written By
Aagaaz Express

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *