चीन ने साधी चुप्पी,भारत के विरोध में पाकिस्तान का देगा साथ!

आतंकवाद के पनाहगाह पाकिस्तान को सख्त सबक सिखाने के लिए सीधी जंग से इतर गुप्त कार्रवाई (कोवर्ट ऑपरेशन) पर भी गंभीरता से विचार हो रहा है। इसका स्तर सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक से बड़ा और पाकिस्तान की कल्पना से परे होगा।भारत विश्व समुदाय को इस बात पर राजी कर रहा है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई उसका अधिकार है। लिहाजा वह परंपरागत जंग में उलझे बिना अपने अधिकार का उपयोग करेगा। अगर पाकिस्तान भारत के इस कदम को जंग में बदलता है तो भी उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। इसके लिए तीनों सेनाएं एक साथ कार्रवाई करेंगी।थल सेना के पूर्व प्रमुख और कारगिल युद्ध की अगुवाई करने वाले जनरल (सेवानिवृत्त) वीपी मलिक ने कहा है कि भारत ने अब तक गुप्त कार्रवाई के विकल्प को नहीं आजमाया है। यह मौजूदा माहौल में काफी कारगर हो सकता है। जनरल मलिक के मुताबिक, अंतिम फैसला सरकार लेगी लेकिन अगर पाकिस्तान कोई दुस्साहस करता है तो सेना के तीनों अंगों को तालमेल के साथ हरकत में आना होगा।

सेना के उच्चपदस्थ सूत्र के मुताबिक, इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर सेना की कमान संभालने से पहले वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख थे। पठानकोट हमला उन्हीं के दिमाग की उपज थी। अब उनके इरादे कश्मीर और पूरे भारत में आतंकवाद को धर्म का रंग देने का है। यह वक्त है कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ खुली जंग से बचते हुए ऐसी कार्रवाई करे जो उसके लिए बड़ा सबक हो।सूत्रों के मुताबिक, विश्व समुदाय के ज्यादातर सभी देश भारत के साथ हैं लेकिन चीन की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। न ही उस पर आंख मूंद कर भरोसा किया जा सकता है। गुप्त कार्रवाई की प्रतिक्रिया में अगर पाकिस्तान जंग छेड़ता है तो संभव है चीन उसके पक्ष में खड़ा होगा।

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