बांग्लादेश को खोखला करेगा चीन!

नेपाल में जहां एक बड़ी आबादी चीन के बढ़ते प्रभाव से परेशान है और चीन के चंगुल से जल्द से जल्द निकलना चाहती है. वहीं, नेपाल के अलावा कई ऐसे देश हैं, जहां चीन ने अपना प्रोपेगेंडा और प्रपंचों का जाल फैला रखा है, जिसमें फंसकर उन देशों में बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा हो गया. कई देश तो चीन के चक्कर में फंसकर बर्बादी के कगार पर पहुंच गए. इसमें पाकिस्तान से लेकर चीन का नया पिछलग्गू बांग्लादेश भी है. अफ्रीका के कई देश तो चीन के जाल में फंसकर बिल्कुल तबाह हो गए. अब बांग्लादेश भी उसी राह पर चल रहा है.

आखिर क्या है चीन का वो फरेब-तंत्र जिसके इंद्रजाल में फंसकर बांग्लादेश जैसे कई देशों ने अपने आपको बीजिंग का गुलाम बना लिया है।चीन ने विस्तारवाद के अपने सपने को पूरा करने के लिए ऐसा जाल फैलाया है कि उसमें नेपाल से लेकर बांग्लादेश तक फंस चुके हैं. चीन से दोस्ती के चक्कर में पाकिस्तान से लेकर श्रीलंका तक में घोर संकट पैदा हो चुका है, जहां भी चीन के चरण पड़े उस देश में भयंकर परेशानियां खड़ी हो गईं. चीन से अपनी करीबी बढ़ा रहे बांग्लादेश का भी मौजूदा हाल दुनिया देख ही है. बांग्लादेश ने चीन के झांसे में आकर भारत के साथ भी अपने रिश्ते बिगाड़ लिए।बांग्लादेश ने भारत से दोस्ती की जगह चीन का गुलाम बनने का रास्ता चुना है. पाकिस्तान, श्रीलंका और अफ्रीकी देशों की बर्बादी देखने के बाद भी बांग्लादेश ने चीन से दोस्ती करके तबाही के रास्ते पर कदम बढ़ा दिए हैं. हाल ही में जब बांग्लादेश के अंतरिम मुखिया मोहम्मद युनूस चीन के दौरे पर गए थे तो उन्होंने चीन से दोस्ती बढ़ाने की जमकर वकालत की और कहा था कि बांग्लादेश को चीन को एक अच्छे दोस्त के रूप में देखना चाहिए।रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश और चीन के बीच 9 द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. इनमें दोनों देशों के बीच आर्थिक और तकनीकी सहयोग पर भी समझौता किया गया है. मोहम्मद यूनुस ने चीनी कंपनियों को बांग्लादेश में निर्माण कार्य को बढ़ावा देने का न्योता दिया है. बांग्लादेश अपनी औद्योगिक क्षमता का विस्तार करने के साथ-साथ रोजगार बढ़ाना चाहता है. बांग्लादेश ने चीन से कम ब्याज पर लेने देने की भी गुजारिश की है. बांग्लादेश ने पहले ही चीन से 7.5 अरब डॉलर का कर्ज ले रखा है।