चिराग के पार्टी से बनाए जाएंगे तीन मंत्री,सरकार बनाने के लिए फॉर्मूला हुआ सेट
2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत मिलने के बाद अब नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है.इस बीच अब किस दल से कितने मंत्री होंगे इसकी भी चर्चा जोरों पर उठने लगी है.इस बार नीतीश मंत्रिमंडल में नए चेहरे ज्यादा देखने को मिल सकते हैं. क्योंकि दो नए दल चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा के भी विधायक चुनाव जीतकर आए हैं. ऐसे में चर्चा होने लगी है कि एलजेपी रामविलास के तीन मंत्री नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं. सवाल है कि रेस में किसका-किसका नाम हो सकता है? चिराग की पार्टी से 19 विधायकों को जीत हासिल हुई है.लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के एक वरिष्ठ नेता की ओर से जो जानकारी मिली है उसके अनुसार 19 विधायकों में से तीन मंत्री बन सकते हैं. इसमें पहला नाम राजू तिवारी का है.

राजू तिवारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं. इस बार वे गोविंदगंज विधानसभा सीट से जीतकर आए हैं. दूसरा नाम संजय पासवान का है जो पार्टी के प्रधान महासचिव हैं. बखरी विधानसभा सीट से चुनाव में जीत हुई है. वहीं तीसरा नाम महुआ विधानसभा से जीत दर्ज करने वाले संजय सिंह का है.नीतीश मंत्रिमंडल में छह विधायक पर एक मंत्री का फॉर्मूला बन रहा है. उस हिसाब से एलजेपी रामविलास के खाते में तीन मंत्रियों का कोटा तय हो रहा है. बिहार सरकार में मुख्यमंत्री समेत 36 मंत्रियों का कोटा है. इससे पहले नीतीश मंत्रिमंडल में बीजेपी के ज्यादा मंत्री थे, लेकिन इस बार लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास अच्छी संख्या बल के साथ सरकार में है. हालांकि अभी शपथ ग्रहण समारोह में किस पार्टी से कितने मंत्री शपथ लेंगे इसकी अभी जानकारी नहीं आई है. चर्चा है कि शपथ ग्रहण समारोह में एलजेपी रामविलास से भी किसी को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है. दूसरी ओर बीजेपी से दो डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं।सूत्रों के मुताबिक इस बार कुल 31 मंत्री शपथ ले सकते हैं. जेडीयू और बीजेपी को बराबर-बराबर 13-13 पद दिए जा रहे हैं. चिराग पासवान की एलजेपी (R) को तीन, जीतनराम मांझी की हम को एक और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम को एक मंत्री पद मिलने की संभावना है.हालांकि बिहार में कुल 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं, लेकिन इस बार 5 पद जानबूझकर खाली छोड़े जा रहे हैं, जिन्हें आने वाले समय में राजनीतिक जरूरतों के हिसाब से भरा जाएगा.बीजेपी के बेहतरीन प्रदर्शन के बाद पार्टी को दो उपमुख्यमंत्री पद दिए जाने पर सहमति बन रही है. इसका मकसद संगठन और सरकार, दोनों में संतुलन बनाना है. यह फॉर्मूला यूपी मॉडल जैसा बताया जा रहा है, जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों और सामाजिक समूहों का प्रतिनिधित्व देने का प्रयास है।