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कोक-पेप्सी की उड़ी नींद,मुकेश अंबानी की कैंपा ने खोल दी फिर से उनकी किस्मत

कोक-पेप्सी की उड़ी नींद,मुकेश अंबानी की कैंपा ने खोल दी फिर से उनकी किस्मत
  • PublishedNovember 25, 2025

जब मुकेश अंबानी एक पुरानी कोला कंपनी को खरीदा था, तब से इस बात का अहसास होने लगा था कि पेप्सी और कोक जैसी दिग्गज कंपनियों को ठिकाने लगाने के लिए मुकेश अंबानी ने अपनी प्लानिंग शुरू कर दी है. अब जो आंकड़े सामने आए हैं, वो डर और अहसास सच होता हुआ दिखाई देने लगा है. देश के 60 हजार करोड़ के सॉफ्टड्रिंक मार्केट में मुकेश अंबानी की कैंपा अपनी धाक जमाने में कामयाब होती हुई दिखाई दे रही है. जिस तरह की रिपोर्ट सामने आई है, उससे साफ है कि पेप्सी और कोक के मार्केट में काफी बड़ी गिरावट देखने को मिली है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर आंकड़े पेप्सी और कोक के लिए किस डरावने सच की ओर इशारा कर रहे हैं.उद्योग सूत्रों ने नीलसनआईक्यू के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि रिलायंस के कैंपा और बेल्जियम की निजी इक्विटी फर्म वर्लिनवेस्ट समर्थित लाहौरी ज़ीरा के नेतृत्व में 60,000 करोड़ रुपए के शीतल पेय बाजार में नई और छोटी कंपनियों ने जनवरी-सितंबर 2025 में अपनी संयुक्त बाजार हिस्सेदारी को दोगुना करके लगभग 15 फीसदी सालाना कर लिया है, जो कोका-कोला और पेप्सिको की बाजार हिस्सेदारी को छीन रहा है, जो लगभग 85 फीसदी तक गिर गई है. सूत्रों ने कहा कि अधिकांश बदलाव 10 रुपए के बड़े प्राइस प्वाइंट्स पर देखने को मिल रहा है. खास बात तो ये है कि नए ब्रांडों की हिस्सेदारी में वृद्धि तब देखने को मिली है, जब ये नेशनल लेवल पर नहीं पहुंचे हैं और गर्मियों में बारिश का असर गिरती सेल्स पर भी हुआ है.सूत्रों के अनुसार जनवरी-सितंबर 2025 में छोटे खिलाड़ियों की संयुक्त हिस्सेदारी पिछले वर्ष की इसी अवधि के लगभग 7 फीसदी की तुलना में बढ़कर लगभग 15 फीसदी हो गई, जबकि दो प्रमुख श्रेणी के अग्रणी खिलाड़ियों, कोका-कोला और पेप्सिको की हिस्सेदारी इसी अवधि के 93 फीसदी से घटकर संचयी रूप से 85 फीसदी रह गई. वर्ष के अधिकांश समय बारिश के कारण, ओवरऑल मार्केट ग्रोथ स्टेबल ही रहा है. कैम्पा और लाहौरी ज़ीरा की बाजार हिस्सेदारी दोगुनी हो गई, जबकि कोका-कोला और पेप्सी की जनवरी-सितंबर अवधि में गिरावट आई.लाहौरी ज़ीरा के को-फाउंडर और सीओओ निखिल डोडा ने शेयर में हुई बढ़ोतरी पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि हम अगले साल नेशनल लेवल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की योजना बना रहे हैं, और 80-90 फीसदी पिन कोड कवर करेंगे. फ़िलहाल, हमारा ब्रांड केवल साउथ में ही उपलब्ध नहीं है. पंजाब, फतेहगढ़ साहिब स्थित लाहौरी, जिसे 2017 में तीन चचेरे भाइयों सौरभ मुंजाल, निखिल डोडा और सौरभ भुटना ने अपनी कंपनी आर्चियन फ़ूड्स के तहत शुरू किया था, अब लखनऊ में अपना तीसरा प्लांट स्थापित कर रही है और आगे इंस्टीट्यूशनल सेल्स पर फोकस करने की योजना बना रही है. डोडा ने कहा कि हम लाहौरी आमरस और मसाला कोला जैसे नए वेरिएंट पेश कर रहे हैं. हमारा डिस्ट्रीब्यूशन मुख्य रूप से सामान्य व्यापार पर आधारित है और वर्तमान में हमारे 2,500 से ज्यादा डिस्ट्रीब्यूटर हैं.रिलायंस इंडस्ट्रीज की FMCG आर्म, रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (RCPL) के स्वामित्व वाली कैंपा ने इस साल की शुरुआत से ही कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. इनमें इस साल टेलीविजन और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के लिए ‘को-पावर्ड बाय’ स्पॉन्सरशिप, अभिनेता राम चरण को ब्रांड एंबेसडर बनाना और हैदराबाद मेट्रो मेल के साथ एक स्पेशल पेय साझेदारी समझौता शामिल है, जिसके तहत उसे मेट्रो कैंपस में वेंडिंग मशीनों, कियोस्क और रिटेल दुकानों के माध्यम से अपने बेवरेज पोर्टफोलियो की सेल्स के अधिकार मिलते हैं.

रिलायंस, जिसने 2022 में कैंपा कोला का अधिग्रहण किया था और 2023 में इसे फिर से पेश किया था, ने मोटरस्पोर्ट टीम अजित कुमार रेसिंग के साथ अपने कैंपा एनर्जी ड्रिंक के लिए “आधिकारिक एनर्जी पार्टनर” के रूप में एक और साझेदारी की घोषणा की.पेप्सी और कोक को चुनौतीदोनों ब्रांडों ने दो प्रमुख खिलाड़ियों कोका-कोला और पेप्सिको को अपने ब्रांडों में कोक, थम्स अप, स्प्राइट, गेटोरेड और पेप्सी के लिए 10 की कीमत पर नए पैक पेश करने के लिए मजबूर कर दिया है, जो पहले 12 और उससे अधिक थे. मुंबई स्थित एक विश्लेषक ने कहा कि हालांकि अतीत में बोवोंटो और जयंती कोला जैसे छोटे बी-ब्रांड और क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी रहे हैं, यह पहली बार है कि मल्टीनेशनल कंपनियों के एकाधिकार को हिलाकर रख दिया गया है और उसे गंभीर चुनौती दी जा रही है. नील्सनआईक्यू और रिलायंस कंज्यूमर ने कोई टिप्पणी नहीं की.मार्केट में जबरदस्त कंप्टीशनअमेरिका के बाहर पेप्सिको के सबसे बड़े बॉटलिंग पार्टनर वरुण बेवरेजेस के चेयरमैन रवि जयपुरिया ने सितंबर 2025 की तिमाही के नतीजों पर एक कॉल में बढ़ती प्रतिस्पर्धा पर एक विश्लेषक के सवाल के जवाब में कहा कि हमारा मानना है कि प्रतिस्पर्धा अच्छी और स्वस्थ है और यह हम सभी के लिए बाज़ार को बढ़ाएगी. ज़ाहिर है, चूंकि वे (रिलायंस) मार्केट में हैं, इसलिए अस्थायी रूप से कुछ मामूली असर ज़रूर होगा, लेकिन हमारा मानना है कि लंबी अवधि में यह उद्योग के लिए बहुत अच्छा रहेगा.

Written By
Aagaaz Express

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