कांग्रेस ने केजरीवाल को दी है गंभीर जख्म,राहुल से फिर मिलाएंगे हाथ!

दिल्‍ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 27 साल बाद सत्ता में वापसी की है. यह चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका साबित हुए और पार्टी का चौथी बार सत्ता में आने का ख्‍वाब बुरी तरह से चकनाचूर हो गया. हालांकि भाजपा की जीत और आम आदमी पार्टी के सत्ता से बेदखल होने के बीच कांग्रेस की भी खूब चर्चा है. कांग्रेस इस चुनाव में अपनी सीटों को लेकर कोई कमाल नहीं दिखा सकी, लेकिन कमाल देखिए कि उसने आम आदमी पार्टी का खेल जरूर बिगाड़ दिया।भाजपा ने दिल्‍ली की 70 सदस्‍यीय विधानसभा में 48 सीटों पर जीत दर्ज की. वहीं आम आदमी पार्टी महज 22 सीटों पर सिमट कर रह गई. हालांकि कांग्रेस का हाल सबसे बुरा रहा है, यहां पर कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत सकी है. वहीं उसके 67 उम्‍मीदवारों की जमानत जब्‍त हो गई. बावजूद इसने आम आदमी पार्टी के कई उम्‍मीदवारों का खेल बिगाड़ दिया. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के साथ नहीं आने का खामियाजा दोनों को ही भुगतना पड़ा है. इंडिया गठबंधन के कई नेता ऐसा मानते हैं.

जम्‍मू-कश्‍मीर के मुख्‍यमंत्री उमर अब्‍दुल्‍ला ने मतगणना के रुझान आने के बाद इशारों ही इशारों में यह कह भी दिया है।उमर अब्‍दुल्‍ला का इशारा इंडिया गठबंधन की दोनों पार्टियों के साथ नहीं आने और उसके बाद दिल्‍ली चुनावों के परिणाम को लेकर है. अब्‍दुल्‍ला ने महाभारत का एक मीम शेयर किया और अपने एक्‍स पोस्‍ट में तंज करते हुए लिखा, “और लड़ो आपस में.” आम आदमी पार्टी के कई दिग्‍गज उम्‍मीदवारों को हार झेलनी पड़ी है. इनमें पूर्व मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व उप मुख्‍यमंत्री मनीष सिसोदिया शामिल हैं. राजनीतिक विश्‍लेषकों का मानना है कि इनमें कांग्रेस के उम्‍मीदवारों का बड़ा हाथ है. यदि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा होता तो दोनों ही पार्टियों के लिए चुनाव परिणाम इतने बुरे नहीं होते।नई दिल्‍ली विधानसभा सीट से भाजपा के प्रवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल को 4089 मतों से हरा दिया. वहीं इस सीट पर कांग्रेस उम्‍मीदवार संदीप दीक्षित को 4568 वोट मिले. जंगपुरा में मनीष सिसोदिया को भाजपा उम्‍मीदवार तरविंदर सिंह मारवाह ने 675 वोटों से मात दी. यहां पर कांग्रेस उम्‍मीदवार फरहद सूरी को 7350 मत मिले. साफ है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस साथ आते तो यह स्थिति कुछ अलग हो सकती थी।

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