बेलगावी की कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस ने संगठन में जान फूंकने का फैसला किया है. शुरुआती भाषण में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि साल 2025 कांग्रेस के संगठन को मजबूत करने का साल है. खरगे ने आगे कहा कि 2025 में जितने भी पद रिक्त हैं, उन सभी को भर लिया जाएगा.कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि संगठन पर सभी को ध्यान देने की जरूरत है. पार्टी ग्राउंड स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय रखने के लिए संविधान यात्रा की शुरुआत करेगी. हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब संगठन को मजबूत करने का फैसला सीडब्ल्यूसी की मीटिंग में हुआ हो.2014 में मनमोहन सिंह की सरकार जाने के बाद से अब तक कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी की 24 बैठक हुई है. दिलचस्प बात है कि इन बैठकों के बावजूद कांग्रेस पिछले 10 साल में 40 से ज्यादा चुनाव हार चुकी है.कांग्रेस कार्यसमिति या सीडबल्यूसी कांग्रेस की सर्वोच्च नीति इकाई है. कांग्रेस के संविधान में भी इसका जिक्र है. कार्यसमिति के सदस्य ही सभी बड़े फैसले करते हैं.

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष इस समिति के चेयरमैन होते हैं.कांग्रेस कार्यसमिति में अधिकतम 25 सदस्य हो सकते हैं. सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद स्थाई और विशेष सदस्य का भी प्रावधान किया गया.लोकसभा चुनाव 2014 में हार के बाद मई महीने में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक दिल्ली में बुलाई गई थी. तब से अब तक सीडब्ल्यूसी की कुल 24 मीटिंग हो चुकी है. साल 2014 में मई के बाद नवंबर 2014 में सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई गई थी.2015 में सीडब्ल्यूसी की 2 (जनवरी और सितंबर), 2016 में 2 (अप्रैल और नवंबर), 2017 में 2 (नवंबर और दिसंबर), 2018 में 3 (जुलाई, अगस्त और अक्टूबर) और 2019 में 3 (मार्च, मई और अगस्त) बैठक कराई गई थी.2020 में अगस्त महीने में सीडब्ल्यूसी की मीटिंग हुई थी. कोरोना की वजह से इसके बाद सीधे अप्रैल 2021 में सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई गई थी. 2021 के अक्टूबर में भी सीडब्ल्यूसी की बैठक हुई थी. 2022 में कांग्रेस कार्यसमिति की 2 बैठक एक मार्च और दूसरा अगस्त में संपन्न हुई थी.2023 में भी सीडब्ल्यूसी की 2 बैठकें बुलाई गई थी. 2024 में अब तक कांग्रेस कार्यसमिति की कुल 4 बैठकें हुई है.मई 2014 की बैठक में कांग्रेस ने हार की समीक्षा के लिए एक कमेटी गठित करने की बात कही थी. बाद में एके एंटोनी की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित भी की गई थी, लेकिन उसकी रिपोर्ट न तो सार्वजनिक की गई और न ही उसे लागू करने की कोई पहल हुई. एंटोनी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में संगठन में बड़े स्तर पर बदलाव की बात कही थी.वर्धा में 2018 में आयोजित सीडबल्यूसी की बैठक में संगठन को मजबूत बनाने और नई रणनीति के साथ मैदान में उतरने की बात कही गई. 2019 में हार के बाद भी बुलाई गई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में संगठन को धार देने की बात कही गई. राहुल गांधी ने तो इस बैठक में यहां तक कह दिया कि कांग्रेस के नेता अब संगठन को मजबूत करने पर विचार करें. गांधी परिवार से कांग्रेस की कमान अब कोई नहीं संभालेगा.मार्च 2022 की बैठक में संगठन का मुद्दा ही छाया रहा. पार्टी ने संगठन में जान फूंकने के लिए चिंतन शिविर का आयोजन करने का फैसला किया. इसी साल मई 2022 में राजस्थान के उदयपुर में चिंतन शिविर बुलाने का फैसला किया गया. उदयपुर में कांग्रेस के बड़े नेताओं ने चिंतन किया और संगठन को मजबूत करने के लिए कुछ फैसले भी लिए, लेकिन आज तक न फैसलों पर अमल नहीं हो पाया.