बिहार विधानसभा सत्र चल रहा है और उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा अचानक दिल्ली पहुंच गए। दिल्ली में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और इस मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की। फोटो के साथ उन्होंने लिखा, “आज नई दिल्ली में देश के यशस्वी केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह जी से शिष्टाचार भेंट कर उनका स्नेह, सानिध्य और मार्गदर्शन प्राप्त किया। इस दौरान बिहार के विकास से जुड़े विषयों पर भी सार्थक परिचर्चा हुई।” अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर सत्र छोड़कर अचानक विजय कुमार सिन्हा दिल्ली क्यों गए? उनके दिल्ली जाने की वजह पर चर्चाएं जोरों पर हैं।राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बिहार में दो उपमुख्यमंत्री हैं – सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा। वर्तमान में दोनों भाजपा के कद्दावर नेता हैं। विजय कुमार सिन्हा भाजपा में लंबे समय से हैं, जबकि सम्राट चौधरी की भाजपा में एंट्री दूसरे दलों से होकर हुई है।

इसके बावजूद कद और ताकत के मामले में सम्राट चौधरी विजय सिन्हा से आगे माने जाते हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सम्राट चौधरी के सामने विजय कुमार सिन्हा का कद और ताकत कम करने के लिए उनके विभाग में कटौती की गई है।इसके बाद, उन्होंने पथ निर्माण विभाग से हटाए जाने से पहले ही अगवानी घाट पुल गिरने के मामले में संबंधित दो इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए। इतना ही नहीं, उन्होंने एसपी सिंगला कंपनी को ब्लैकलिस्ट भी कर दिया। जानकारों का मानना है कि विजय सिन्हा का पथ निर्माण विभाग से हटाया जाने और कृषि विभाग की जिम्मेदारी सौंपे जाने के पीछे की वजह यह है कि उन्होंने एसपी सिंगला कंपनी के खिलाफ सख्त कदम उठाए थे। अब तक विजय सिन्हा ने शाह से मुलाकात में वैसा कोई संकेत नहीं दिया, लेकिन माना जा रहा है कि वह सत्र के बीच में अपनी स्थिति के बारे में चर्चा करने गए थे। विजय कुमार सिन्हा विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के लिए भी चर्चा का विषय हैं। तेजस्वी ने कहा था कि पुराने भाजपाई विजय कुमार सिन्हा को नए-नवेले भाजपा में आए सम्राट चौधरी लगातार दबा रहे हैं। दोनों उप मुख्यमंत्री हैं, लेकिन वित्त विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी की नीतीश कुमार सरकार में ज्यादा पूछ है।