आज मनाया जाएगा धनतेरस,जानिए पूजा करने का मुहूर्त?

धनतेरस का पर्व भारतीय संस्कृति में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है, जो दीपावली 5 दिन के महोत्सव की शुरुआत करता है. इस दिन भगवान धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है. लोग धनतेरस के शुभ अवसर पर सोने, चांदी और नए बर्तनों की खरीदारी करते हैं, जो घर में धन और समृद्धि के आगमन का प्रतीक होता है. हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस का पर्व मनाया जाता है. इस साल धनतेरस आज यानी 29 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. धनतेरस के दिन खरीदारी की जाती है और इसके बाद मां लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और कुबेर देव की पूजा की जाती है।शास्त्रों में वर्णित कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. जिस तिथि को भगवान धन्वंतरि समुद्र से प्रकट हुए, वो कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि थी. इस वजह से इस तिथि को धनतेरस या धनत्रयोदशी तिथि भी कहा जाता है. भगवान धन्वंतरि समुद्र से हाथों में कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस मौके पर बर्तन खरीदने की परंपरा चली आ रही है।

भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने के उपलक्ष्य में धनतेरस का पर्व मनाया जाता है।धनतेरस के दिन सोने, चांदी, बर्तन और आभूषण खरीदना विशेष रूप से शुभ माना गया है. इनके अलावा, लोग धनतेरस के दिन नए बर्तन खरीदकर उन्हें देवी लक्ष्मी को अर्पित करते हैं, जिससे घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. धनतेरस के दिन झाड़ू, तांबे के बर्तन, धनिया और नमक खरीदना भी शुभ माना गया है. इन चीजों को खरीदने से घर में धन आगमन होता है।धनतरेस का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ता है. अगर आप धनतेरस पर पूजा करने वाले हैं, तो धनतेरस पर पूजा का शुभ मुहूर्त 29 अक्टूबर शाम 6:31 मिनट से लेकर रात 8:13 मिनट तक रहेगा. इस दौरान आप पूजा कर सकते हैं।धनतेरस की पूजा में भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की तस्वीर, गंगा जल, 13 दिए, एक पैकेट रूई, एक थाली, लकड़ी की चौकी, लाल या पीले रंग के कपड़े, पानी से भरा कलश, घी, माचिस, शक्कर या गुढ़, मौलवी, हल्दी, अक्षत, कपूर, धूप, अगरबत्ती आदि चाहिए।

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