एक माह बाद भी अखिलेश के सांसद आवास मामलों में नहीं हुई कार्रवाई,फिर से बोला करनी सेना-जब तक तोड़ेंगे नहीं,छोड़ेंगे नहीं..

अलीगढ़ के गभाना टोल पर जो सपा सांसद सुमन पर हमला हुआ है, वो हमारे करणी सैनिकों ने किया है। हमारे परिवार और भाइयों ने किया है। हम इस हमले की पूरी जिम्मेदारी लेते हैं। कुछ गाड़ियां ही टूट पाई हैं, क्योंकि प्रशासन बचा रहा है। मैं उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन से निवेदन करता हूं, उसे बार-बार न बचाएं। देश सनातनी हिंदुओं का है। यदि कोई हमें गद्दार बोलता है तो उसे सुरक्षा नहीं मिलनी चाहिए।ओकेंद्र सिंह राणा ने कहा कि हमें कुछ मिनटों पहले ही पता चला, काफिला आ रहा है। 20-25 मिनट पहले पता चला था। हमने टीमें एक्टिव कीं। अगर हमें दो-चार घंटे पहले पता चल जाता तो कुछ और अच्छा सुनने को मिलता। हमारा एक ही मकसद है। जब तक तोड़ेंगे नहीं, छोड़ेंगे नहीं। वो चाहे अखिलेश हों, सुमन हों या सपा पार्टी का कोई पदाधिकारी। जो भी हमारे रडार पर आएगा।

जब तक धरती पर घुटने नहीं टिकवा देंगे। तब तक नहीं मानेंगे। सपा सफा।सपा के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के आवास पर क्षत्रिय करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने हमला किया था। तोड़फोड़ और पथराव में दरोगा सहित कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इसके बाद रामी गढ़ी में करणी सेना का सम्मेलन भी हुआ। हमले के एक माह बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। किसी को पूछताछ के लिए भी नहीं बुलाया गया। सपाइयों का आरोप है कि इसी वजह से रविवार को गभाना के पास सुमन के काफिले पर दोबारा हमला किया गया।मेवाड़ के शासक रहे राणा सांगा पर राज्यसभा में रामजीलाल सुमन के बयान के बाद क्षत्रिय करणी सेना ने सांसद को सबक सिखाने का एलान किया था। सांसद आवास पर हमले के बाद हरीपर्वत थाने में रामजीलाल सुमन के बेटे रणजीत सिंह ने अज्ञात हमलावरों पर जानलेवा हमला सहित कई धाराओं में केस दर्ज कराया था। वहीं दरोगा दिनेश कुमार ने करणी सेना के अध्यक्ष ओकेंद्र राणा सहित अन्य अज्ञात के विरुद्ध मारपीट, तोड़फोड़ आदि का केस दर्ज कराया था। दोनों ही मामलों में एक माह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं सकी है। गभाना में सुमन के काफिले की घटना को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।

Exit mobile version