बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड में एक बार फिर गुटबाजी की चर्चा तेज हो गई है. पूर्व आईपीएस अधिकारी मनीष वर्मा जब बीआरएस लेकर जेडीयू में शामिल हुए थे, तब नीतीश कुमार ने उनको राष्ट्रीय महासचिव बनाया था. जिसके बाद चर्चा थी कि वह नीतीश के राजनीतिक उत्तराधिकारी बनेंगे. तामझाम के साथ ही उन्होंने बिहार में घूमना भी शुरू कर दिया था लेकिन उनके कार्यक्रम को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने बीच में ही रोक दिया. राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक पार्टी का कोई दावेदार नहीं चाहेगा कि सीएम नीतीश के पैरेलल कोई अन्य खड़ा हो सके।जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा नीतीश कुमार के नजदीकी माने जाते हैं।

नालंदा से आने वाले मनीष भी नीतीश कुमार के जाति (कुर्मी) से ही आते हैं. इसलिए जब वह जेडीयू में शामिल हुए तो उनको लेकर कई तरह की चर्चा शुरू हो गई. चर्चा यह भी कि नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी मनीष वर्मा बन सकते हैं. हालांकि न तो नीतीश कुमार ने कभी इस बात की घोषणा की और न ही मनीष वर्मा ने यह बताने की कोशिश की लेकिन मनीष वर्मा जिस प्रकार से राष्ट्रीय महासचिव की कुर्सी संभालने के बाद पूरे बिहार में कार्यकर्ता समागम शुरू किया उससे कई तरह की चर्चा जरूर होने लगी।