दिल्ली कूच करने के लिए आज फिर से किसान बनाएंगे प्लान,अपनी मांगों के समर्थन में डटे हुए हैं सभी किसान

पंजाब-हरियाणा सिंधू बॉर्डर पर रविवार को पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले दागे जाने के बाद किसान संगठनों ने दिल्ली कूच अस्थाई रूप से एक दिन के स्थगित कर दिया है, हालांकि किसान अभी भी अपनी मांगों के समर्थन में डटे हुए हैं. किसान नेताओं ने कहा कि वे सोमवार को आगे की कार्रवाई तय करेंगे. इस बीच, सिंधू बॉर्डर खोलने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गयी है. सोमवार को इस याचिका पर सुनवाई होने की संभावना है.इससे पहले दिन में, 101 किसानों (जत्थे) के एक समूह ने पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू सीमा से राष्ट्रीय राजधानी की ओर अपना पैदल मार्च फिर से शुरू किया. हालांकि, अपने विरोध स्थल से कुछ मीटर चलने के बाद हरियाणा पुलिस ने किसानों को बैरिकेडिंग पर रोक दिया और उनसे पैदल मार्च निकालने के लिए अपेक्षित अनुमति दिखाने को कहा.किसानों के बीच तीखी बहस के बाद, हरियाणा पुलिस के कर्मियों ने मिर्च स्प्रे और आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया, जब कुछ किसानों ने लोहे की जालीदार बाड़ को हटाने का प्रयास किया तो पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले दागे गए और पानी की बौछारें की गईं.इस बीच, 6 दिसंबर 2024 की तरह, वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने प्रदर्शनकारियों से तीखी बहस शुरू कर दी. पुलिस ने पहले दावा किया कि ये 101 लोग किसान नहीं हैं. फिर यह भी कहा कि वहां मौजूद मीडियाकर्मी भी असली मीडिया के लोग नहीं हैं।

पुलिस ने किसानों से उनके पहचान पत्र मांगे.जब किसानों ने आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत किए, तो पुलिस ने यह कहते हुए पीछे हटने की कोशिश की कि वे जांच करेंगे कि क्या इन किसानों को नई दिल्ली से अनुमति मिली है.इसी दौरान, पुलिस ने किसानों पर फूल बरसाए, लेकिन 2 मिनट के भीतर, किसानों पर आंसू गैस के गोले और गैस ग्रेनेड फेंक दिए. यह लगातार शेलिंग और गैस हमला लगभग 3 घंटे तक चला. किसान संगठनों ने दावा किया कि 10 किसान घायल हुए, जिनमें 6 गंभीर रूप से घायल थे. उन्हें मौके पर मौजूद एंबुलेंस के जरिए अस्पताल ले जाया गया.किसानों ने इन ग्रेनेड और गोले के खाली खोल इकट्ठे किए और विभिन्न मानवाधिकार एजेंसियों को इस तरह के हथियारों के छोटे समूह पर इस्तेमाल को लेकर शिकायत दर्ज कराई.शाम करीब 4 बजे, किसानों के समूह को दिन के लिए वापस बुला लिया गया और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों से बात न करके और उन्हें दिल्ली की ओर पैदल चलने की अनुमति न देकर अपनी विश्वसनीयता पूरी तरह खो दी है.यह भी घोषणा की गई कि कल दोनों फोरम की मीटिंग करके, किसानों के समूह का 10 दिसंबर 2024 को दिल्ली की ओर मार्च पर निर्णय लिया जाएगा. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली बॉर्डर खोलने वाले मसले पर सुनवाई भी है, सो उसपर भी नजर रखी जाएगी.

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