सैनिकों की वापसी के बाद भारत-चीन के बीच हुई पहली बातचीत,दोनों देश शांति बनाए रखने पर हुए राजी

सैनिकों की वापसी के बाद भारत-चीन ने पहली कूटनीतिक वार्ता की है. इस दौरान दोनों देशों ने एलएसी पर शांति बनाए रखने पर सहमति जताई. दरअसल, भारत-चीन सीमा मामलों पर कल दिल्ली में डब्ल्यूएमसीसी (WMCC) की 32वीं बैठक हुई. इस बैठक में दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के तहत सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने पर सहमति जताई.पूर्वी लद्दाख में सैनिकों की वापसी के बाद भारत-चीन के बीच यह पहली बातचीत थी. करीब दो महीने पहले भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी से सैनिकों की वापसी पर सहमति बनी थी. इसके बाद दोनों पक्षों ने धीरे धीरे अपने सैनिकों को वहां से हटाना शुरू किया. दिवाली से पहले देपसांग और डेमचोक में डिसएंगेजमेंट का काम पूरा हो गया था.

चार साल से अधिक समय से यहां पेट्रोलिंग बंद थी.करीब दो महीने पहले भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी से सैनिकों की वापसी पर सहमति बनी थी. इसके बाद दोनों पक्षों ने धीरे धीरे अपने सैनिकों को वहां से हटाना शुरू किया. दिवाली से पहले देपसांग और डेमचोक में डिसएंगेजमेंट का काम पूरा हो गया था. दिवाली के मौके पर दोनों देशों के सैनिकों ने एक दूसरे को गिफ्ट भी दिया था. चार साल से अधिक समय से यहां पेट्रोलिंग बंद थी.कई हफ्तों की बातचीत के बाद 21 अक्टूबर को समझौते को अंतिम रूप दिया गया. इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बयान में कहा था कि भारत और चीन के सैनिक उसी तरह गश्त कर सकेंगे जैसे वे दोनों पक्षों के बीच सैन्य गतिरोध शुरू होने से पहले किया करते थे. जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद भारत और चीन के बीच रिश्तों में खटास आ गई थी.भारत और चीन दुनिया की सबसे लंबी और विवादित सीमा साझा करते हैं, जिसे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी कहते हैं. ये 3488 किलोमीटर लंबी सीमा है, जो तीन सेक्टर्स-ईस्टर्न, मिडिल और वेस्टर्न में भारत और चीन की सीमा को बांटती है।

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