Blog

तन-मन-धन से गिरे को अंगुली पकड़कर उठाना ही मेरे लिए धर्म है,महाकुंभ में पहली बार पहुंची सुधा मूर्ति ने कही बड़ी बात

तन-मन-धन से गिरे को अंगुली पकड़कर उठाना ही मेरे लिए धर्म है,महाकुंभ में पहली बार पहुंची सुधा मूर्ति ने कही बड़ी बात
  • PublishedJanuary 24, 2025

सादगी की मूर्ति…नाम भी है सुधा मूर्ति। सर्द हवाओं की चुभन के बीच हरे रंग की साड़ी, पूरी बाजू वाले स्लेटी कलर के स्वेटर और क्रीम कलर का शॉल लपेटे सुधाजी जब पर्यटन निगम की टेंट सिटी की कॉटेज नंबर-16 का पर्दा हटाकर बाहर आईं तो राज्यसभा सदस्य, पद्मभूषण व पद्मश्री जैसे सम्मान और ओहदे उनकी सादगी के कारण सामान्य से लगने लगे।देश की चुनिंदा अरबपति महिलाओं में से एक सुधाजी में पैसे का गुमान दिखा न दिखावे का कोई शौक। महिलाओं-बच्चों को पढ़ाने की पक्की वकील… खुद भी खूब लिखने-पढ़ने वाली। महाकुंभ में पहली बार आईं सुधाजी ने सर्द सांझ में नवीन सिंह पटेल से गर्मजोशी से बातचीत की और जिंदगी के तमाम पन्नों को खोलकर रख दिया…महाकुंभ के बारे में कितना कुछ जान के आई थीं, पढ़कर आई थीं…यहां आकर कैसा पाया?हमने महाकुंभ को टीवी पर ही देखा था। यहां आने के बाद बहुत सरल है, ऐसा महसूस हुआ। क्राउड (भीड़) है, लेकिन मैनेजमेंट बहुत अच्छा है। तीन दिन से कुंभ में नहा रही हूं। मन्नत थी मेरी। सब घूमकर देखा। बहुत अच्छा खाने का भंडार है।

योगी सरकार ने बहुत अच्छा अरेंजमेंट किया है। अकेले भी जा सकते हैं रात में।वो अमेरिका में उद्योपति हैं। उनका फाउंडेशन शिक्षकों को ट्रेनिंग देता है। इससे उन्हें नौकरी जल्दी मिल जाती है। उन्हें कहा है कि वह इसका फायदा यूपी को दिलाएं।योगीजी ने हां बोला है। अब उनके शिक्षा विभाग को प्रस्ताव देना है। इससे कॉलेज के विद्यार्थियों को अच्छा फायदा हो सकता है।

Written By
Aagaaz Express

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *