नोएडा से लेकर पटना तक FIITJEE कोचिंग संस्थान ने छात्रों के साथ किया धोखा,दो साल की फीस एडवांस में लेकर हुआ रवाना

नोएडा सेक्टर-62 स्थित FIITJEE कोचिंग सेंटर पर बुधवार शाम अभिभावकों के एक समूह ने हंगामा किया. उनका आरोप है कि संस्थान के अचानक बंद होने के बाद सेंटर संचालक उनकी फीस लेकर भाग गया है. अभिभावकों ने अपने बच्चों की कोचिंग के लिए मोटी रकम चुकाई थी और फिटजी नोएडा सेंटर में एक हजार से अधिक छात्र पढ़ रहे थे. छात्रों और अभिभावकों के अनुसार कोचिंग संस्थान ने दो साल की फीस एडवांस में ले ली थी.खबर है कि यह इंस्टीट्यूट रातों रात बंद हो गया है. अभिभावकों ने बताया कि उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई और संस्थान में छात्रों की कक्षाएं बंद कर दी गई है. इसके बाद बड़ी संख्या में अभिभावकों ने संचालक के खिलाफ कोचिंग संस्थान के बाहर जमकर हंगामा किया और सेक्टर-62 चौकी में लिखित शिकायत दी. शिकायत के बाद स्थानीय पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.

अभिभावकों ने संस्थान के खिलाफ कार्रवाई और सख्त सजा की मांग की है.स्टाफ को कई महीनों से वेतन नहीं मिला थाकोचिंग सेंटर के बाहर मौजूद अभिभावकों के मुताबिक अब उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है और वे अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर भी चिंतित हैं. इंस्टीट्यूट के बंद होने से यहां कोचिंग कर रहे छात्रों की पढ़ाई पर बड़ा संकट छा गया है. सूत्रों के मुताबिक एक अभिभावक ने दावा किया है कि उसने हाल ही में 4 लाख रुपए की फीस भरी है. साथ ही एक शिक्षक ने बताया कि स्टाफ को कई महीनों से वेतन नहीं मिला है.हालांकि थाना प्रभारी अमित कुमार के मुताबिक कोचिंग सेंटर बंद नहीं हुआ है. यह मामला दो कोचिंग संस्थानों के बीच कंपटीशन का नतीजा है. दूसरे कोचिंग संस्थान से ज्यादा वेतन मिलने के बाद शिक्षकों ने एक साथ सेंटर छोड़ दिया. उनके टीचर ने एक साथ किसी अन्य कोचिंग सेंटर में शिफ्ट कर लिया है. इस वजह से ये समस्या हुई है. कोचिंग सेंटर नहीं बंद किया गया है. उन्होंने बताया कि उन्हें बातचीत के लिए बुलाया गया है.कई FIITJEE कोचिंग सेंटर बंदइसी तरह की घटनाएं पुणे जैसे अन्य शहरों में भी सामने आई हैं, जहां दो FIIT JEE कोचिंग सेंटर अचानक बंद हो गए, जिससे 300 से ज़्यादा छात्र अपनी परीक्षा की तैयारी बीच में ही छोड़ गए. राजनगर डिस्ट्रिक्ट सेंटर में एक FIITJEE कोचिंग सेंटर अचानक बंद हो गया, जिससे परीक्षा से पहले 800 से ज़्यादा इंजीनियरिंग उम्मीदवार मुश्किल में पड़ गए. बहरहाल, ऐसी घटनाओं पर पाबंदी लगनी चाहिए क्यों यह आर्थिक नुकसान से कही ज्यादा बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है.

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