जेपीसी में सदस्यों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार ने लिया फैसला,अब इन पार्टी नेताओं को भी किया जाएगा शामिल

वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर मोदी सरकार ने अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं. शीतकालीन सत्र में इससे संबंधित बिल भी पेश किया जा चुका है. जिसे संयुक्त संसदीय समिति(जेपीसी) के पास भेजने के लिए लोकसभा में वोटिंग भी हो चुकी है. वहीं, आज शुक्रवार को इस बिल की समीक्षा के लिए सरकार बड़ी घोषणा करने जा रही है. आज संसद सत्र के आखिरी दिन केंद्र सरकार लोकसभा में एक प्रस्ताव लाएगी।यह भी जानकारी मिली है कि अब इस समिति में 31 के बजाए 39 सदस्य होंगे. सरकार ऐसा इसलिए कर रही क्योंकि जिन पार्टियों को इसमें जगह नहीं मिल पाई है उन्हें भी अपने विचार रखने का मौका मिल सके. वर्तमान स्वरूप में अब समिति में लोकसभा से करीब 27 और राज्यसभा से 12 सदस्य होंगे।तमाम पार्टियां इस संयुक्त संसदीय समिति में शामिल होना चाहती थी, जिसके लिए वे मांग भी कर रही थीं.

सरकार ने इनकी मांगों को मानते हुए यह फैसला लिया और आठ नए सदस्य और जोड़े हैं. दरअसल शिवसेना (UBT) नेता उद्धव ठाकरे और कुछ अन्य दलों ने यह आपत्ति की थी कि उनके दल से किसी भी सदस्य को जेपीसी में शामिल नहीं किया गया है, जिसके बाद सभी राजनीतिक दलों को प्रतिनिधित्व देने के लिए जेपीसी में सदस्यों की संख्या बढ़ाने का सरकार ने फैसला किया।जेपीसी में नए सदस्यों में शिवसेना UBT से अनिल देसाई, समाजवादी पार्टी से छोटेलाल, बीजेपी से वैजयंत पांडा और संजय जायसवाल, LJP ( रामविलास) से शांभवी चौधरी (बीजेपी) और सीपीएम से के. राधाकृष्णन शामिल हैं।

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