अडानी ग्रुप को काफी नुकसान पहुंचाने वाला कंपनी हिंडनबर्ग बंद करने जा रही है अपनी दुकान,जानिए आखिर क्यों?

अडानी ग्रुप की विलेन और अमेरीकी शार्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग ने अब अपनी दुकान बंद करने का फैसला लिया है.जी हां, हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नाथन एंडरसन ने चौंकाने वाला फैसला लेते हुए कंपनी को बंद करने का फैसला लिया है. ये वही कंपनी है, जिसकी एक रिपोर्ट ने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया था और गौतम अडानी ग्रुप को मोटा नुकसान कराया था. हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नाथन एंडरसन ने सोशल मीडिया X पर भावुक पोस्ट करते हुए कंपनी बंद करने का ऐलान किया है.उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि उन्हें चालाकी करनी नहीं आती इसलिए वो अपनी कंपनी को बंद करने का फैसला ले रहे हैं. उनके इसी फैसले के साथ ग्राउंड ब्रेकिंग फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन युग का भी अंत हो गया है.अडानी ग्रुप को मोटा नुकसान कराने वाली अमेरिका की शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नाथन एंडरसन ने X पर भावुक पोस्ट के जरिए अपने सफर, संघर्ष और कामयाबियों के बारे में बताया. एंडरसन ने पोस्ट में लिखा, “प्लानिंग ये थी कि हम जिन विचारों पर काम कर रहे थे, उन्हें पूरा करने के बाद इसे बंद कर दिया जाए. तो आज वो दिन आ गया है.”मुझे चालाकी नहीं आती…उन्होंने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि ”अपनी ज्यादातर नौकरियों में मैं एक अच्छा कर्मचारी था, लेकिन ज्यादातर समय मेरी अनदेखी की जाती थी, मुझे चालाकी नहीं आती, जब मैंने ये काम शुरू किया था तब मेरे पास इतने पैसे नहीं थे.

नौकरी छोड़ने के बाद मुझपर लगे 3 मुकदमों में मेरे बचे पैसे सेविंग भी खत्म हो गईं. उस समय अगर मुझे वर्ल्ड फेमस व्हिसलब्लोअर वकील ब्रायन वुड का साथ न मिलता तो मैं पहली सीढ़ी पर ही फेल हो जाता। मैं छोटे बच्चे की तरह डरा हुआ था, लेकिन ये भी जानता था कि अगर आगे नहीं बढ़ा तो टूट जाऊंगा. मेरे पास ऑप्शन आगे बढ़ने का ही था.”2017 में हिंडनबर्ग की स्थापना के बाद से, रिसर्च फर्म ने इंडस्ट्री में धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और मिसमैनेजमेंट को उजागर करने के लिए नाम कमाया है. एंडरसन ने अपनी उपलब्धियों के बारे में बताते हुए लिखा कि उनकी कंपनी ने कुछ बड़े साम्राज्यों को हिला दिया जिन्हे उन्हें लगता था कि हिलाने की जरुरत है. अडानी से लेकर ब्लॉक इंक समेत कई अरबपतियों को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने हिलाया था. साल 2023 में हिंडनबर्ग ने गौतम अडानी के अडानी ग्रुप पर हेराफेरी, धोखधड़ी जैसे आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित कि थी, ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, गौतम अडानी उस समय दुनिया के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति थे. लेकिन रिपोर्ट आने के बाद उस साल अडानी को 99 अरब डॉलर का झटका लगा. जबकि, उनकी सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनियों का मार्केट कैप के 173 बिलियन डॉलर उड़ गया था.हिंडनबर्ग के फाउंडर एंडरसन ने फर्म को बंद करने के फैसले के बारे में बताते हुए लिखा कि उनका ये फैसला व्यक्तिगत फैसला है, वो करना चाहते थे वो उन्होंने कर दिखाया. कंपनी बंद करने के पीछे उनका कोई खास मकसद नहीं है, या कोई खतरा, कोई हेल्थ इश्यू नहीं है.हिंडनबर्ग फर्म को बंद करने के बाद एंडरसन क्या करेंगे तो बता दें वो उनसे बीते कई दिनों में लोगों ने पूछा था कि वो जो करते हैं वो कैसे करते हैं तो अगले छह महीनों में एंडरसन अपने मॉडल के हर पहलू और अपनी जांच कैसे करते हैं, इस बारे में ओपन-सोर्स सामग्री और वीडियो पर काम करने का प्लान बना रहे हैं.