जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक इन दिनों अस्पताल में भर्ती हैं। इससे पहले सीबीआई ने सत्यपाल मलिक और 6 अन्य लोगों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। उनके खिलाफ कीरु हाइड्रो प्रोजेक्ट से जुड़े कथित करप्शन केस में मामला दर्ज किया गया था। वहीं अब सत्यपाल मलिक ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक भावुक पोस्ट की है। इस पोस्ट में उन्होंने कहा है कि “मैं रहूं या ना रहूं इसलिए अपने देशवासियों को सच्चाई बताना चाहता हूं।”सत्यपाल मलिक ने एक्स पर लिखा, “नमस्कार साथियों। मैं पिछले लगभग एक महीने के अस्पताल में भर्ती हूं और किडनी की समस्या से जूझ रहा हूं। परसों सुबह से मैं ठीक था, लेकिन आज फिर से मुझे ICU में शिफ्ट करना पड़ा। मेरी हालत बहुत गंभीर होती जा रही है। मैं रहूं या ना रहूं इसलिए अपने देशवासियों को सच्चाई बताना चाहता हूं।”

उन्होंने आगे लिखा, “जब गवर्नर के पद पर था तो उस समय मुझे 150-150 करोड़ रूपए की रिश्वत की पेशकश भी हुई, परंतु में मेरे राजनीतिक गुरु किसान मसीहा स्वर्गीय चौधरी चरणसिंह जी की तरह ईमानदारी से काम करता रहा ओर मेरा ईमान वो कभी डिगा नहीं सकें। जब मैं गवर्नर था उस समय किसान आंदोलन भी चल रहा था, मैंने बगैर राजनीतिक लोभ लालच के पद पर रहते हुए किसानों की मांग को उठाया। फिर महिला पहलवानों के आंदोलन में जंतर-मंतर से लेकर इंडिया गेट तक उनकी हर लड़ाई में उनके साथ रहा।”सत्यपाल मलिक ने लिखा, “पुलवामा हमले में शहीद वीर जवानों के मामले को उठाया, जिसकी आज तक इस सरकार ने कोई जांच नहीं करवाई है। सरकार मुझे CBI का डर दिखाकर झूठे चार्जशीट में फंसाने के बहाने ढूंढ रही है। जिस मामले में मुझे फंसाना चाहते हैं उस टेंडर को मैंने खुद निरस्त किया था, मैंने खुद प्रधानमंत्री जी को बताया था इस मामले में करप्शन है और उन्हें बताने के बाद में मैंने खुद उस टेंडर को कैंसिल किया, मेरा तबादला होने के बाद में किसी अन्य के हस्ताक्षर से यह टेंडर हुआ।”उन्होंने लिखा, “मैं सरकार को और सरकारी एजेंसियों को बताना चाहता हूं कि मैं किसान कौम से हूं, मैं ना तो डरने वाला हूं ओर ना ही झूकने वाला हूं। सरकार ने मुझे बदनाम करने में पूरी ताकत लगा दी। अंत में मेरा सरकार से और सरकारी एजेंसियों से अनुरोध है कि मेरे प्यारे देश की जनता को सच्चाई जरूर बताना कि आपको छानबीन में मेरे पास मिला क्या? हालांकि सच्चाई तो यह है कि 50 साल से अधिक लंबे राजनीतिक जीवन में बहुत बड़े-बड़े पदों पर देशसेवा करने का मौका मिलने के बाद आज भी मैं एक कमरे के मकान में रह रहा हूं और कर्ज में भी हूं। अगर आज मेरे पास धन दौलत होती तो मैं प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज करवाता।”यह मामला किश्तवाड़ में कीरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट से जुड़ा है। इसमें लगभग 2,200 करोड़ रुपये के अनुबंध दिए गए थे। फरवरी 2024 में सीबीआई ने अपनी जांच के दौरान मलिक के दिल्ली और जम्मू-कश्मीर स्थित आवासों सहित 30 से अधिक स्थानों पर तलाशी ली थी। सीबीआई की जांच के दायरे में कई लोग आए, जिनमें सीवीपीपीपीएल के पूर्व चेयरमैन नवीन कुमार चौधरी, पूर्व अधिकारी एमएस बाबू, एमके मित्तल और अरुण कुमार मिश्रा के अलावा पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड भी शामिल है, जिसे यह ठेका दिया गया था। सीबीआई के अनुसार, सीवीपीपीपीएल की 47वीं बोर्ड बैठक में रिवर्स ऑक्शन के जरिए ई-टेंडरिंग के जरिए परियोजना को फिर से टेंडर करने के फैसले के बावजूद इसे लागू नहीं किया गया और आखिरकार ठेका पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड को दे दिया गया।