मैं जनता से माफी मांगता हूं और प्रायश्चित करने के लिए मौन उपवास रखूंगा-प्रशांत किशोर
चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज की बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार हुई है। बिहार चुनाव में हार के बाद प्रशांत किशोर पहली बार सामने आए। उन्होंने माफी मांगी है और प्रायश्चित करने की बात कही है। प्रशांत किशोर ने कहा है कि व्यवस्था परिवर्तन में कामयाब नहीं रहे लेकिन राजनीति बदलने में कुछ कामयाब जरूर रहे, कुछ कमी जरूर रही होगी, शत प्रतिशत जिम्मेदारी मेरी है, जिसे मैं स्वीकार करता हूं।प्रशांत किशोर ने कहा- “नए चुने विधायकों को बधाई, हम लोगों से जो गलती हुई है, मैं विनम्रता से माफ़ी मांगता हूं। 20 को भीतरहरवा आश्रम से प्रायश्चित के तौर पर सामूहिक मौन उपवास रखूंगा एक दिन के लिए। गलती हो सकती है, लेकिन गुनाह नहीं किया, वोट नहीं मिलना गुनाह नहीं है। जहां जाति की राजनीति चलती रही है, धर्म की राजनीति रही है, वहां जाति धर्म के आधार पर बांटने का गुनाह नहीं किया हूं।”

प्रशांत किशोर ने कहा- “आज जरूर धक्का लगा है लेकिन जीत जन सुराज की ही होगी। जो लोग ऐसा सोचते हैं कि मैं बिहार छोड़ दूंगा तो ऐसा नहीं है। मैं बिहार में ही रहूंगा, दोगुनी ताकत से लड़ेंगे। पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है। पहली बार कोई चुनाव ऐसा हुआ जिसमें 40000 करोड़ रुपये जनता के पैसे को खर्च करने का वादा किया है। सिर्फ 10000 रुपये पर ये नहीं हुआ है, चुनाव आयोग पर टिप्पणी लोग कर रहे हैं। हर विधानसभा में करीब 60000 लोगों को 10 हजार रुपया दिया गया। जीविका दीदियों को लगाया गया। करीब 1 लाख आंगनबाड़ी, आशा, ममता, टोला सेवकों, प्रवासी मजदूरों को कुल 29000 करोड़ बांटा गया है।”प्रशांत किशोर ने कहा- “हमने ईमानदार कोशिश की, लेकिन वो पूरी तरह नाकाम रही। इसे स्वीकार करने में कोई बुराई नहीं है। व्यवस्था परिवर्तन की तो बात ही छोड़िए, हम सत्ता परिवर्तन भी नहीं ला पाए। लेकिन बिहार की राजनीति बदलने में हमारी भूमिका ज़रूर रही… हमारी कोशिशों में, हमारी सोच में, और जिस तरह से हमने ये समझाया कि जनता ने हमें नहीं चुना, उसमें ज़रूर कोई न कोई चूक रही होगी। अगर जनता ने हम पर विश्वास नहीं दिखाया, तो उसकी पूरी ज़िम्मेदारी मेरी है। मैं ये ज़िम्मेदारी 100% अपने ऊपर लेता हूँ कि मैं बिहार की जनता का विश्वास नहीं जीत पाया।”