
बिहार में स्मार्ट मीटर बड़ी तेजी से लगाए जा रहे हैं, लेकिन उसी रफ्तार से बिहार की जनता भी इन स्मार्ट मीटरों से परेशान होती नजर आ रही है। विरोध में लोग सड़कों पर उतर रहे हैं। कहा जाता है कि लोकतंत्र में असली मालिक जनता होती है, और न्यायपालिका, विधायिका, कार्यपालिका तथा पत्रकारिता यानी लोकतंत्र के चारों स्तंभ उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करते हैं। लेकिन बिहार की तथाकथित सुशासन वाली सरकार में विधायिका और कार्यपालिका पूरी तरह से आम आदमी को लूटने में लगी हुई है, जिसका ताजा उदाहरण है भारतीय असेम्बल्ड चीनी प्रीपेड मीटर। ये बातें एनसीपी (शरद पवार) के प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता संजय केशरी ने विद्युत अधीक्षण अभियंता कार्यालय के सामने हिंदी, अंग्रेजी और मराठी में प्रीपेड मीटर पर श्वेत-पत्र जारी करते हुए कही। उन्होंने कहा कि लूट की जल्दबाजी में ब्लैकलिस्टेड कंपनी जीनस पावर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को भी बिहार सरकार ने प्रीपेड मीटर लगाने का ठेका दे दिया है।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रदेश उपाध्यक्ष इन्द्र देव दास ने कहा कि एनसीपी (शरद पवार) प्रीपेड मीटर मुक्त बिहार का आह्वान कर रहा है, क्योंकि अगर प्रीपेड मीटर वाकई में इतना स्मार्ट होता तो इसे सबसे पहले मुख्यमंत्री, ऊर्जा मंत्री और अन्य सभी उच्चाधिकारियों के आवासों पर लगाया जाता। वहीं, कार्यक्रम में मौजूद विशिष्ट अतिथि प्रदेश सचिव मो. आलम ने कहा कि प्रीपेड मीटर की आड़ में करोड़ों-अरबों का घोटाला हो रहा है, जिसका खुलासा संजीव हंस के यहां ईडी की छापेमारी से हो चुका है। महिला नेत्री संयुक्ता सिंह चौहान ने कहा कि हम पहले ही संजय केशरी के नेतृत्व में मुंगेर में प्रीपेड मीटर लगना बंद करा चुके हैं और अब पूरे बिहार में इसको रोकने के लिए आंदोलन करेंगे। श्वेत-पत्र जारी करने के बाद उसकी एक-एक प्रति ज्ञापन के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव को विद्युत अधीक्षण अभियंता के माध्यम से भेजी गई है। इस अवसर पर वरीय नेता अजय प्रसाद सिंह, मो. रहमत अली, पप्पू मंडल, शंकर यादव, सोनी सिन्हा, किरण देवी, बेबी देवी, राकेश चौरसिया, गोबिंद साहनी, बबलु गुप्ता सहित अन्य कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रही।