भारत ने शुरू किया कंप्लीट ब्लैक आउट अभ्यास,पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. युद्ध की आशंकाओं और धमकियों के बीच, भारत ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिसने सीमा पार पाकिस्तान में हलचल मचा दी है. दरअसल, पंजाब के फिरोजपुर में भारतीय सेना की छावनी में रविवार रात आधे घंटे के लिए पूर्ण ब्लैकआउट अभ्यास किया गया. इस कंप्लीट ब्लैक आउट एक्सरसाइज को संभावित युद्ध की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है. यह अभ्यास रात 9 बजे से 9.30 बजे तक चला, जिसमें पूरे क्षेत्र में पूर्ण अंधकार बनाए रखा गया. इस अभ्यास को सफल बनाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थानीय निवासियों से पूर्ण सहयोग की अपील की थी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस दौरान उनके घरों के बाहर कोई इन्वर्टर या जनरेटर लाइट दिखाई न दे।सैन्य अधिकारियों द्वारा फिरोजपुर के डिप्टी कमिश्नर को लिखे पत्र में इस अभ्यास के उद्देश्य को स्पष्ट किया गया है. पत्र में कहा गया है कि इस रिहर्सल का मकसद मौजूदा युद्ध के खतरों के बीच ब्लैकआउट प्रक्रियाओं को लागू करने में तैयारी और प्रभावशीलता सुनिश्चित करना है. इस ड्रिल को पूरा करने से पहले कैंटोनमेंट अधिकारियों ने लाउडस्पीकर से घोषणा करते हुए आम लोगों को ब्लैकआउट अभ्यास में शामिल उपायों के बारे में जानकारी दी।यह मॉक ड्रिल ऐसे समय में हो रही है जब भारत 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दे रहा है.

पाकिस्तानी आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के लोकप्रिय पर्यटन स्थल पहलगाम में कम से कम 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी थी. इस घटना ने दोनों देशों के बीच संबंधों को और भी तनावपूर्ण बना दिया है।ब्लैकआउट प्रोटोकॉल युद्ध के समय में बेहद प्रभावी और जरूरी होता है. इसका मुख्य उद्देश्य दुश्मन देश को रिहाइशी इलाकों की लोकेशन मिलने से रोकना है. आधुनिक युद्ध में ड्रोन और मिसाइलों की गति बहुत तेज होती है. हालांकि भारत के पास रूस का अमोघ अस्त्र S-400 है, जो पाकिस्तान की किसी भी मिसाइल को सीमा में घुसने से पहले ध्वस्त करने में सक्षम है, फिर भी ब्लैकआउट करके अपने नागरिकों को सुरक्षा का संदेश दिया जा सकता है।