झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण का प्रचार खत्म हो गया है. सभी राजनीतिक दलों ने जोर-शोर से अभियान चलाया. झारखंड में सत्तारूढ़ जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी और वामदलों का गठबंधन अपनी सरकार की वापसी के प्रयास कर रहा है. वहीं बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए राज्य की हेमंत सोरेन सरकार को हटाने के लिए जोर-शोर से लगा हुआ है. लेकिन बीजेपी की सबसे बड़ी चुनौती कोल्हान है. यह झारखंड का एक ऐसा इलाका है, जहां बीजेपी काफी कमजोर है. पिछले विधानसभा चुनाव में उसे इस इलाके से एक सीट भी नहीं मिली थी।कोल्हान में पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला खरसावा जिले शामिल हैं. इन तीनों जिलों में विधानसभा की 14 सीटें हैं. इनमें पूर्वी सिंहभूम में 6, पश्चिमी सिंहभूम में 5 और सरायकेला खरसावा में 3 सीटें हैं।

इनमें से 9 सीटें अनुसूचित जाति और एक सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. इन सभी सीटों पर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 13 नवंबर को मतदान कराया जाएगा।साल 2019 के चुनाव में यहां झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 11, कांग्रेस ने दो और एक सीट निर्दलीय ने जीती थीं. लेकिन बीजेपी का खाता भी नहीं खुल पाया था. हालत यह थी कि मुख्यमंत्री रघुवर दास का विधानसभा क्षेत्र भी कोल्हान में ही आता है. लेकिन वो पिछला चुनाव निर्दलीय सरयू राय से हार गए थे. कोल्हान में मिली हार को बीजेपी ने काफी गंभीरता से लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोल्हान का इस बार दो बार दौरा कर चुके हैं. इसके अलावा सितंबर में पीएम मोदी पूर्वी सिंहभूम के जमशेदपुर आए थे. उस दौरान पीएम ने 6 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रनों को हरी झंडी दिखाई. इसके अलावा उन्होंने 660 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी थी।इस चुनाव में अब तक इस इलाके में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की रैलियां हो चुकी हैं. इस दौरान घुसपैठ और धर्म से जुड़े मुद्दे उठाए गए. कोल्हान को जीतने के लिए बीजेपी ने बड़ी तैयारी की है. इसी के तहत कोल्हान टाइगर के नाम से मशहूर पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को बीजेपी में शामिल कराया गया. वो अपनी परंपरागत सरायकेला सीट से चुनाव मैदान में हैं. उनके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा को भी बीजेपी में शामिल कराया गया है. गीता कोड़ा 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सिंहभूम से चुनाव जीता था. लेकिन 2024 में उन्हें झारखंड मुक्ति मोर्चा की जोबा माझी से हार का सामना करना पड़ा था. बीजेपी ने अब उन्हें जगन्नाथपुर विधानसभा सीट से टिकट दिया है. बीजेपी के कद्दावर नेता रहे सरयू राय ने रघुवर दास से मनमुटाव की वजह से पार्टी छोड़ दी थी. बाद में उन्होंने अपनी अलग पार्टी बनाई. लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने अपनी पार्टी का नीतीश कुमार की जेडीयू में विलय कर दिया. जेडीयू ने उन्हें जमशेदपुर पश्चिम से टिकट दिया है।