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भारत और चीन के बीच में बनी आपसी सहमति,यांग्त्से में भी शुरू होगी पेट्रोलिंग

भारत और चीन के बीच में बनी आपसी सहमति,यांग्त्से में भी शुरू होगी पेट्रोलिंग
  • PublishedOctober 26, 2024

भारत और चीन दुनिया की सबसे लंबी और विवादित सीमा साझा करते हैं, जिसे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी कहते हैं. ये 3488 किलोमीटर लंबी सीमा है, जो तीन सेक्टर्स-ईस्टर्न, मिडिल और वेस्टर्न में भारत और चीन की सीमा को बांटती है. ये इतनी लंबी रेखा है कि जिसको लेकर भारत और चीन, लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक कई हिस्सों में अपने अलग-अलग दावे करते हैं और इससे टकराव की स्थिति बढ़ जाती है. लेकिन अब कुछ इलाकों और वहां पेट्रोलिंग को लेकर आपसी सहमति बनी है।आर्मी सूत्रों के मुताबिक, भारत और चीन के बीच में कुछ इलाकों को लेकर आपसी सहमति बनी है और पेट्रोलिंग फिर से शुरू की जाएगी, जिसमें अब अरुणाचल प्रदेश का यांग्त्से भी शामिल है।

इस क्षेत्र में चीनी सैनिकों को गश्त की अनुमति दी जाएगी. यांग्स्ते में पहले की तरह चीनी सैनिक पैट्रोलिंग कर सकेंगे और गश्त के दौरान एक दूसरे की आवाजाही को अवरुद्ध नहीं किया जाएगा।आर्मी सूत्रों के मुताबिक, तवांग में यांग्त्से दोनों देशों के बीच चिन्हित विवादित क्षेत्रों में से एक है और यहां पीएलए की गश्त अन्य क्षेत्रों की तुलना में असामान्य रूप से बड़ी है. इस क्षेत्र में चीनी पीएलए के साथ अक्सर भारतीय सैनिकों का आमना-सामना होता रहा है. इस क्षेत्र में 2011 से लगातार भारतीय सैनिक और PLA के बीच में थोड़ी थोड़ी झड़प भी होती रही हैं।

Written By
Aagaaz Express

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