नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के अंतरिम प्रधानमंत्री बनने के बाद से नेपाल की सड़कों पर अब शांति है और हिंसा थम चुकी है। हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। लेकिन जो हिंसा भड़की थी, उसमें काठमांडू घाटी में 30 से ज्यादा पुलिस चौकियां और थाने पूरी तरह जलकर खाक हो गए।मिली जानकारी के मुताबिक, स्वयंसेवक समूह और युवा काठमांडू हिंसाग्रस्त सड़कों और मलबे की सफाई कर रहे हैं। मलबे के बीच पुलिस स्टेशन में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। मदद के लिए लगातार फोन भी आ रहे हैं। आज से पशुपतिनाथ मंदिर सभी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। आज संभावनाएं है कि नेपाल में मंत्रिमंडल विस्तार होगा। नेपाल की राजनीति में आगे क्या होगा, इस पर सभी की नजर बनी हुई है क्योंकि राष्ट्रपति ने संसद भंग कर दी है।सुशीला कार्की के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की सिफारिश पर संसद को भंग करने के बाद, राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने यह भी घोषणा की कि अगले 5 मार्च 2026 को नए चुनाव कराए जाएंगे।

बता दें कि नेपाल में एक हफ्ते तक हिंसक प्रदर्शन चला था, जिसके बाद तत्कालीन पीएम केपी शर्मा ओली को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था और सुशीला कार्की के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार का गठन किया गया था।नेपाल में हुए हिंसक प्रदर्शनों में 50 से ज्यादा लोगों की जान गई है। अंतरिम सरकार के गठन के बाद राष्ट्रपति ने संसद को भंग कर दिया, जिसका नेपाली कांग्रेस, नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी) और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) समेत लगभग सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने विरोध किया है। राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, संसद 12 सितंबर की रात 11 बजे से भंग हो गई। नेपाल में काठमांडू समेत सभी जगह स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है।