मानसून सत्र के तीसरे दिन बिहार विधानसभा की कार्यवाही के दौरान विपक्ष का हंगामा जारी रहा. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच तीखी नोकझोंक हुई. तेजस्वी यादव ने SIR का मुद्दा सदन में उठाया और पूरा विपक्ष हंगामा करने लगा. इसपर नीतीश भड़क गए और तेजस्वी को लालू-राबड़ी के शासन की याद दिला दी.तेजस्वी यादव ने सदन में कहा कि लालू जी कहते हैं छोट का राज मतलब वोट का राज. तेजस्वी यादव ने कहा हम SIR का विरोध नहीं कर रहे हैं. हम चुनाव आयोग की प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं. चुनाव आयोग सामने नहीं आ रहा है, सूत्र से खबर चलाई जा रही है. 2003 में जब विशेष पुनरीक्षण किया गया था तब अटल जी की सरकार थी. 1 से 2 साल समय लगा था।

वहीं विपक्ष के हंगामे के बीच नीतीश कुमार भड़क गए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खड़ा होकर कहा कि तुम्हारे (तेजस्वी यादव) पिताजी 7 साल मुख्यमंत्री रहे और फिर तुम्हारी माताजी मुख्यमंत्री रहे, क्या स्थिति था बिहार का. मुख्यमंत्री ने कहा आज जो बोला जा रहा है, उसका क्या मतलब है. विधानसभा सत्र का आज तीसरा दिन है, अब दो ही दिन बचा है. आज ये सब बात उठाने का क्या मतलब है.इस पर उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने टोकते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष बिहार की जनता को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने विजय सिन्हा की तरफ उंगली दिखाकर गुंडई शब्द का प्रयोग किया था. इसपर विजय सिन्हा ने विरोध किया. विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने भाई वीरेंद्र से खेद प्रकट करने के लिए कहा।विजय सिन्हा के खड़ा होने पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन मैं चलाऊंगा आप नहीं. लगातार हंगामे के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने 2:00 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. वहीं नीतीश कुमार ने सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को अपने कक्ष मे बुलाया. विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव से मंत्री विजय चौधरी और बिजेंद्र यादव मिलने पहुंचे।विपक्ष के सभी विधायक तेजस्वी यादव के साथ नंद किशोर यादव के चेम्बर पहुंचे. सम्राट चौधरी भी नंद किशोर यादव से मिलने पहुंचे. दरअसल भाई वीरेंद्र की तरफ से अपशब्द कहा गया कि तुम्हारे बाप का सदन है, इसी पर हंगामा हुआ. भाई वीरेंद्र के बयान पर बवाल खड़ा हो गया है। उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा और अशोक चौधरी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला है और भाई वीरेंद्र से माफी मांगने की बात कही है. वहीं भाई वीरेंद्र ने अपनी बात को बाहर आकर दोहराया कि सदन किसी की बपौती नहीं है।बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान चल रहा है. चुनाव कर्मी घर-घर जाकर मतदाता सत्यापन कर रहे हैं. इस अभियान का मकसद मतदाता लिस्ट को साफ और सही बनाना है, ताकि कोई फर्जी नाम या दोहराव ना हो. साथ ही जिन लोगों की मृत्यु हो चुकी हैं, उनका नाम भी सूची से हटाया जा सके. आयोग ने मतदाताओं के लिए कुछ दस्तावेज अटैच करना अनिवार्य किया है. इसका विपक्ष विरोध कर रहा है।