नीतीश कुमार की मुस्लिम वोट पर है नजर!बीजेपी के वजह से सेंधमारी करने में नहीं मिलेगी सफलता

2025 विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोटों की चिंता सताने लगी है. यही कारण है कि सोमवार को एनडीए की बैठक में नीतीश कुमार का फोकस अल्पसंख्यकों पर रहा. साथ ही कट्टरवादी हिंदुत्व को लेकर चर्चा में रहने वाले गिरिराज सिंह को पीछे की कतार में बैठाया गया. इसके कारण नीतीश कुमार मुस्लिमों का ध्यान अपनी ओर खींचने में कामयाब रहे हैं. वहीं अपनी सेक्युलर राजनीति की धुंधली हो रही छवि को भी चमकाने का प्रयास किया।वहीं एनडीए की बड़ी बैठक में घटक दल के सभी नेताओं को अल्पसंख्यकों के पास जाकर समझाने का निर्देश नीतीश कुमार ने दिया है. नीतीश कुमार ने कहा है कि उन्हें बताइए बिहार सरकार ने सबसे अधिक उनके लिए काम किया है. आखिर नीतीश कुमार को यह कहने की क्यों जरूरत पड़ रही है?

एनडीए की बैठक में 2025 के विधानसभा चुनाव के लिए नीतीश कुमार ने 220 प्लस का टारगेट सेट किया है. मंत्री विजय कुमार चौधरी ने दावा किया है कि इस बार विपक्ष टिक नहीं पाएगा. अब इस टारगेट को अचीव करने के लिए बिहार के करीब 17 फीसदी मुस्लिम वोटों में हिस्सेदारी जरूरी है।इसका सबसे बड़ा कारण है कि 2020 विधानसभा चुनाव में जदयू का एक भी मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत पाया यानी एनडीए का एक भी मुस्लिम विधायक चुनाव में जीत हासिल नहीं कर पाया था. बाद में बसपा के विधायक जमा खान को जदयू में शामिल करा कर मंत्री बनाया गया. यही नहीं 2024 यानी कि इस साल हुए लोकसभा चुनाव में भी एनडीए का मुस्लिम कैंडिडेट चुनाव नहीं जीत पाया. नीतीश कुमार को चिंता सता रही है जिस प्रकार से मुस्लिम जदयू से दूर हुए हैं. 2025 में मुस्लिम बहुल विधानसभा सीट को जीतना उनके लिए बड़ी चुनौती है इसलिए उन्हें मनाने की कोशिश की जा रही है।

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