मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज शिक्षकों के हित में एक बड़ा निर्णय लिया है. शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर उन्होंने अपने एक्स अकाउंट के जरिए सुबह-सुबह पोस्ट कर लिखा, “शिक्षा विभाग द्वारा हाल में किए गए शिक्षकों के स्थानांतरण के बारे में विभिन्न स्रोतों से सुझाव प्राप्त हो रहे हैं. इसकी समीक्षा के क्रम में मैंने शिक्षा विभाग को स्पष्ट निर्देश दिया है कि अंतर जिला स्थानांतरण संबंधी जिन शिक्षकों की भी समस्या है उनसे 3 जिलों का विकल्प प्राप्त किया जाएगा, जिसके बाद उन्हीं जिलों में उनका पदस्थापन किया जाएगा.”मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, “जिलों के अंदर पदस्थापन का कार्य जिला पदाधिकारी की समिति द्वारा किया जाएगा ताकि यथासंभव इच्छित प्रखंडों या उनके नजदीक उनका पदस्थापन हो सके. शिक्षकगण बच्चों के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, इसीलिए मेरा विनम्र आग्रह होगा कि वे इस बारे में चिंतित न होकर बिहार में बच्चों की शिक्षा के लिए लगन पूर्वक काम करें.”गौरतलब हो कि बिहार में बीते कुछ महीनों में तीन चरण में शिक्षकों की बहाली हुई है. अब कई ऐसे शिक्षक हैं जो ट्रांसफर भी चाहते हैं.

ऐसे में इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से आवेदन भी लिया जाने लगा. इन सबके बीच समस्या भी आती रही. हालांकि कई शिक्षकों का आपसी स्थानांतरण (Mutual Transfer) भी हुआ है. अब नीतीश कुमार के ट्वीट से शिक्षकों के पास तीन जिलों के विकल्प का रास्ता साफ हो गया है. मतलब हुआ कि शिक्षक आवेदन में तीन जिलों का विकल्प चुन सकते हैं. इन्हीं जिलों में उनका ट्रांसफर होगा.बता दें कि बिहार में तीन चरण की शिक्षक बहाली हो गई है और टीआरई-4 एवं टीआरई-5 की तैयारी हो रही है. बहुत जल्द चौथे चरण की बहाली की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. बीते बुधवार (06 अगस्त, 2025) को ही शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने इसकी जानकारी दी है. सबसे बड़ी बात यह है कि अब बिहार के शिक्षा विभाग में 40% डोमिसाइल नीति लागू कर दी गई है. इससे बिहार के करीब 85 से 86% युवाओं के लिए शिक्षा विभाग में नौकरी आरक्षित हो गई है।