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वन नेशन वन इलेक्शन बिल कल नहीं होगा पेश,कार्यसूची से हटाया गया

वन नेशन वन इलेक्शन बिल कल नहीं होगा पेश,कार्यसूची से हटाया गया
  • PublishedDecember 15, 2024

लोकसभा में कल यानी सोमवार को वन नेशन वन इलेक्शन बिल पेश नहीं होगा. संशोधित कार्यसूची से इसे हटा दिया गया है. इससे पहले शुक्रवार को जारी की गई कार्यसूची में कहा गया था कि सोमवार को लोकसभा में रखा जाएगा. मगर अब यह बिल सोमवार को लोकसभा में नहीं आएगा. हालांकि, अभी कारण स्पष्ट नहीं कि सरकार ने सोमवार को बिल न लाने का फैसला क्यों किया और यह बिल अब किस दिन लाया जाएगा?माना जा रहा है कि सोमवार और मंगलवार को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा होना है, जहां विपक्ष सभापति के खिलाफ आक्रामक है और अविश्वास प्रस्ताव लाया है. सरकार और बीजेपी भी कांग्रेस और विपक्ष पर आक्रामक होगी तो माना जा रहा है कि उस चर्चा से ध्यान ना भटकाने के लिए बिल को सोमवार की कार्यसूची से हटाया गया है.

साथ ही गृह मंत्री अमित शाह भी सोमवार को तीन बजे तक रायपुर में हैं.संभावना है कि इसे मंगलवार या बुधवार को लोकसभा में पेश किया जा सकता है. संसद का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को समाप्त होगा. मोदी कैबिनेट ने 12 दिसंबर को ‘वन नेशनल वन इलेक्शन’ बिल को मंजूरी दी थी. विधेयक में 2034 के बाद एक साथ चुनाव कराने का प्रस्ताव है. सरकार ने बिल का मसौदा लोकसभा सदस्यों को भेज दिया है.लोकसभा में ‘द कंस्टीटूशन (129वां संशोधन) और द यूनियन टेरिटरी (संशोधन 1) बिल को भी पेश किया जाएगा. बिल के जरिए संविधान में 129वां संशोधन और दिल्ली व जम्मू-कश्मीर के केंद्रशासित प्रदेश के कानून में बदलाव किया जाएगा. सरकार इससे जुड़े बिल को संसद में पेश करके संविधान के चार अनुच्छेद में संशोधन का प्रस्ताव करेगी.बिल के जरिए संविधान में एक नया अनुच्छेद 82 ए लाया जाएगा जिसके तहत लोक सभा के साथ सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव कराने का प्रावधान होगा. अनुच्छेद 83 में संशोधन लोकसभा के कार्यकाल के बारे में है. अनुच्छेद 172 में संशोधन राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल के लिए है. और अनुच्छेद 327 का संशोधन राज्य विधानसभाओं के चुनाव के बारे में संसद के अधिकार के बारे में है.यूटी लॉ संशोधन बिल 2024 में यही प्रावधान दिल्ली और जम्मू-कश्मीर यूटी के लिए किए जाएंगे.भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का 2 सितंबर 2023 को गठन किया गया था. इसका मकसद एक साथ चुनाव कराने के लिए सिफारिशें करना. कोविंद समिति ने 14 मार्च 2024 को राष्ट्रपति को अपनी सिफारिशें सौंपी थी, जिसमें लोकसभा और सभी विधायिकाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की गई थी. कोविंद कमिटी ने पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव कराने की सिफारिश थी. उसके 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय के चुनाव कराने की सिफारिश की थी.

Written By
Aagaaz Express

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