मुस्लिम आरक्षण पर बंट गई विपक्ष,अखिलेश यादव ने चल दी बड़ी चाल!

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने सरकारी ठेकों में मुसलमानों को चार फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया है, जिसे लेकर बीजेपी ने संसद से सड़क तक मोर्चा खोल रखा है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू सहित पार्टी के तमाम नेता मुस्लिम आरक्षण को गैरकानूनी और संविधान के खिलाफ बता रहे हैं. कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कह रहे हैं कि वह हमेशा से राष्ट्रीय हितों को नजरअंदाज कर तुष्टिकरण की राह पर चली है. मुस्लिम आरक्षण पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव बीजेपी के सुर में सुर मिलाते हुए नजर आ रहे हैं और धर्म के आधार पर दिए जाने वाले आरक्षण का विरोध किया है।मार्च 2025 में कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार ने कर्नाटक ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योरमेंट्स यानी केटीपीपी एक्ट में संशोधन के जरिए 2 करोड़ तक के सिविल कार्य और 1 करोड़ तक के सेवा कार्य से जुड़े सरकारी ठेकों में मुस्लिमों के लिए 4 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव पेश किया. कर्नाटक विधानसभा से यह बिल 21 मार्च 2025 को पास भी हो गया. इसे ओबीसी की श्रेणी 2बी के तहत लागू करने की बात कही गई है, जिसके तहत कर्नाटक के सभी मुस्लिमों को ओबीसी श्रेणी में डाला गया है. इसके बाद भी बीजेपी यह बताने में जुटी है कि कांग्रेस संविधान के खिलाफ जाकर मुस्लिमों को धर्म के आधार पर आरक्षण दे रही।कर्नाटक में चार फीसदी मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव को बीजेपी ने तुष्टीकरण की राजनीति करार देकर विरोध कर रही है, तो कांग्रेस सामाजिक रूप से पिछड़े समाज को न्याय देने का कदम बता रही है.

बीजेपी का दावा है कि इससे अन्य पिछड़ा समाज का हक मारा जा रहा है. मुस्लिम को मिलने वाला चार फीसदी आरक्षण ओबीसी के 27 फीसदी आरक्षण से छीन कर दिया जा रहा. वहीं, कांग्रेस का कहना है कि यह आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं दिया गया है बल्कि सामाजिक न्याय का हिस्सा है और मंडल आयोग की भावना के अनुरूप है. इसके बाद भी सपा का स्टैंड कांग्रेस से अलग दिख रहा है।अखिलेश यादव भले ही धर्म के आधार पर आरक्षण देने के खिलाफ हों, लेकिन 2012 में सपा ने अपने घोषणा पत्र में यह वादा किया था कि अगर उनकी पार्टी सत्ता आई तो उत्तर प्रदेश के मुसलमानों को 18 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा. इतना ही नहीं सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने संसद में भी मुसलमानों को 18 फीसदी आरक्षण देने की वकालत की थी. मुसलमानों का आरक्षण देने के लिए उन्होंने संविधान में संसोधन करने तक की बात उठाई थी. मुलायम सिंह यादव ने 2012 चुनाव में मुस्लिमों को आरक्षण देने का खूब जिक्र किया था।

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