बहरीन के मनामा में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव और आतंकवाद से संबंधित मुद्दों पर बयान देते हुए कहा कि भारत ने 9 आतंकवादी कैंपों को निशाना बनाया, लेकिन पाकिस्तान ने मूर्खता की। उन्होंने कहा कि उन्हें 9 और 10 मई को एयरबेस पर सबक सिखाया गया। ओवैसी ने यह भी कहा कि भारत इस तरह की कार्रवाई नहीं चाहता, लेकिन पाकिस्तान क्षेत्र में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रहा है।ओवैसी ने कहा, “पाकिस्तान, भारत में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच नफरत बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। ये आतंकी वहीं से आते हैं, इसलिए एक बहुत अच्छी बैठक हुई। हम उनसे यह भी कह रहे हैं कि पाकिस्तान को फिर से ग्रे लिस्ट में लाया जाना चाहिए। बहरीन 2026-27 में सुरक्षा परिषद का सदस्य बनने जा रहा है, इसलिए उस दृष्टि से भी यह बेहतर था।”बैठक के दौरान ओवैसी ने यह भी कहा कि बहरीन सरकार को यह समझाना जरूरी है कि भारत के लोगों ने यहां बहुत योगदान दिया है।

उन्होंने कहा कि बहरीन 2026-27 में सुरक्षा परिषद का सदस्य बनने जा रहा है और इस संदर्भ में भारत का समर्थन बहरीन के लिए महत्वपूर्ण है।उन्होंने कहा, “हमने बहरीन सरकार से कहा कि भारत को अस्थिर करने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं, वे सही नहीं हैं। न तो यह दक्षिण एशिया के लिए अच्छा है, न ही इस क्षेत्र के लिए। भारत के विभिन्न हिस्सों से कई लोग यहां रहते हैं, इसलिए वे सभी इस बात पर सहमत हैं कि भारत के लोगों ने यहां बहुत बड़ा योगदान दिया है। हमने भी अपनी बात रखी।”ओवैसी ने कहा, “पाकिस्तान एक हमलावर देश है, बल्कि पीड़ित नहीं।” उन्होंने कहा, “बैठक में हमने भारत का पक्ष रखा। हमने उन्हें बताया कि कई सालों से पाकिस्तान द्वारा सहायता प्राप्त और प्रशिक्षित आतंकवादी भारत में आतंकी हमले कर रहे हैं और कई लोगों की जान जा चुकी है। हमने उन्हें सारा डेटा दिया। चाहे वह मुंबई धमाका हो, ट्रेन धमाका हो, जम्मू-कश्मीर विधानसभा के सामने आत्मघाती हमला हो, पुलवामा हो, पठानकोट हमला हो…हमने दिसंबर 2023 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा कि आप TRF पर प्रतिबंध लगाएं, यह भारत में कुछ गलत कर सकता है…हमने 15 अप्रैल को असीम मुनीर के भाषण के बारे में भी बात की, उन्होंने कश्मीर के बारे में क्या कहा। पाकिस्तान की संलिप्तता इस बात से भी साबित होती है कि पहलगाम में आतंकी हमले के बाद TRF संगठन ने दो बार इसे स्वीकार किया। भारत सरकार, हमारे साइबर विशेषज्ञों ने यह भी पाया गया कि आतंकवादी गतिविधियों में लगे लोग पाकिस्तान की सेना के पास से इंटरनेट का उपयोग कर रहे थे।