प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ब्रिटेन और मालदीव की दो देशों की यात्रा पर रवाना होंगे. ये रणनीतिक साझेदारी और क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण राजनयिक जुड़ाव होगा.प्रधानमंत्री मोदी की 23-24 जुलाई को होने वाली ब्रिटेन यात्रा, ब्रिटिश समकक्ष कीर स्टारमर के निमंत्रण पर हो रही है और यह ब्रिटेन की उनकी चौथी यात्रा होगी. विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘यात्रा के दौरान दोनों पक्ष व्यापार और अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और नवाचार, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु, स्वास्थ्य, शिक्षा और लोगों से लोगों के बीच संबंधों पर विशेष ध्यान देते हुए व्यापक रणनीतिक साझेदारी (सीएसपी) की प्रगति की समीक्षा भी करेंगे.’चर्चा में आपसी चिंता के क्षेत्रीय और वैश्विक विकास पर भी चर्चा होगी. इस यात्रा से भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी (सीएसपी) को नई गति मिलने की उम्मीद है.

इस दौरान दोनों नेता प्रगति की समीक्षा करने और भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) सहित सहयोग के नए क्षेत्रों की रूपरेखा तैयार करने का लक्ष्य रखेंगे.प्रधानमंत्री मोदी अपने प्रवास के दौरान राजा चार्ल्स तृतीय से भी मुलाकात कर सकते हैं. यात्रा के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री मोदी मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू के निमंत्रण पर 25-26 जुलाई तक मालदीव की राजकीय यात्रा पर जाएंगे. पीएम मोदी की मालदीव की ये तीसरी यात्रा होगी.विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘दोनों नेता अक्टूबर 2024 में मालदीव के राष्ट्रपति की भारत की राजकीय यात्रा के दौरान अपनाए गए ‘व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी’ के लिए भारत-मालदीव संयुक्त दृष्टिकोण के कार्यान्वयन में प्रगति का भी जायजा लेंगे.बता दें कि पीएम मोदी 26 जुलाई को मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे. उनकी यह यात्रा ‘पड़ोसी पहले’ नीति और विजन ‘महासागर’ के तहत अपने समुद्री पड़ोसियों के साथ संबंधों को मजबूत करने की भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।नेताओं द्वारा बुनियादी ढांचे, रक्षा सहयोग और आर्थिक संपर्क सहित प्रमुख क्षेत्रों में प्रगति का आकलन करने की उम्मीद है. उच्च-स्तरीय राजनयिक जुड़ाव का उद्देश्य भारत की वैश्विक पहुंच को मजबूत करना है, साथ ही हिंद महासागर क्षेत्र और उससे आगे के क्षेत्रों में अपने रणनीतिक हितों की पुष्टि करना है।