प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश दौरे से वापस लौट आए हैं. स्वदेश लौटने के बाद पीएम मोदी ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तारीफ की है. उन्होंने कहा है कि संसद में अपनी टिप्पणी के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने भारतीय अर्थव्यवस्था और हमारे द्वारा किए जा रहे सुधार पथ की बहुत स्पष्ट तस्वीर पेश की है. पीएम मोदी ने अपने ट्वीट के साथ उस वीडियो का लिंक भी शेयर किया है जिसमें वित्त मंत्री संसद में इनकम टैक्स बिल 2025 को पेश करते हुए अपनी बात रखते हुए नजर आ रही हैं.सरकार की ओर से पेश नया आयकर बिल मौजूदा आयकर अधिनियम 1961 की जगह लेगा. संसद में पेश बिल 622 पन्नों का है जिसमें 536 सेक्शन और 16 अनुसूचियां शामिल हैं. इसके अलावा यह बहुत ही सरल भाषा में होगा. आमतौर पर आयकर अधिनियम में जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया है उसको लेकर कई जगहों पर डाउट पैदा करने जैसी स्थिति बन जाती है. ऐसे में सरकार की कोशिश है कि नए बिल के जरिए भाषा को सरल बनाया जाए ताकि आसानी से लोग इसका इस्तेमाल कर सके. इस बिल के कानून बनने से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना और भी आसान हो जाएगा.नए आयकर बिल में कोई नया टैक्स लगाने का प्रावधान नहीं.इसमें केवल टैक्स स्ट्रक्चर को तर्कसंगत और आसान बनाया जाएगा.इसमें मौजूदा कानून में कई नए सुधारों का प्रावधान होगा.कई अपराधों के लिए सजा कम करने का प्रावधान भी हो सकता है.इसकी भाषा सरल होगी ताकि आम करदाता भी समझ सके.मुकदमेबाजी को कम करना नए बिल का उद्देश्य होगा.कर प्रणाली में पारदर्शिता लाना भी बिल का उद्देश्य.पुराने और प्रचलन से बाहर हो चुके शब्दावलियों को हटाया जाएगा.आसान और सरल होगा.दूसरी ओर से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आयकर विधेयक, 2025 पर विचार करने के लिए शुक्रवार को 31 सदस्यीय प्रवर समिति का गठन कर दिया है. बीजेपी नेता और सांसद बैजयंत पांडा को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है.

समिति में बीजेपी के 14, कांग्रेस के 6, सपा के दो, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), तेलगु देशम पार्टी (तेदेपा), जनता दल-यूनाइटेड (जदयू), शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (राकांपा एसपी) के एक-एक सदस्यों को शामिल किया गया है.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में आयकर विधेयक, 2025 पेश किया था और बिरला से इसे प्रवर समिति के विचार के लिए भेजने का आग्रह किया था. बिल का उद्देश्य भारत की कर प्रणाली को सरल और आधुनिक बनाना है. यह कानूनी भाषा को भी सरल बनाएगा, ताकि करदाता प्रावधानों को आसानी से समझ सकें. विधेयक के अंतर्गत नए टैक्स नहीं लगाए जाएंगे. इसके बजाय, यह विधेयक कर कानूनों को सरल बनाने, कानूनी जटिलताओं को कम करने और करदाताओं के लिए अनुपालन को आसान बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा.