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भारत-पाक मामले में ट्रंप के हस्तक्षेप पर उठने लगा सवाल,उन्हें किसने सरपंच बनाया?

भारत-पाक मामले में ट्रंप के हस्तक्षेप पर उठने लगा सवाल,उन्हें किसने सरपंच बनाया?
  • PublishedMay 12, 2025

भारत और पाकिस्तान के बीच 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद से ही तनाव बढ़ गया था. भारत ने पहलगाम का बदला लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की थी. इसी के तहत पाक में एयर स्ट्राइक कर 100 से ज्यादा आतंकियों का खात्मा किया. इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष शुरू हो गया. पाकिस्तान ने कई बार भारत हमले की नाकाम कोशिश की. बढ़ते तनाव और हमलों के बाद 10 मई शाम 5 बजें सीजफायर का ऐलान कर दिया गया. अमेरिकी राष्ट्रपति के ऐलान के दोनों देशों ने भी ऐलान किया. इसी हस्तक्षेप पर अब तमाम राजनीतिक दल सवाल खड़े कर रहे हैं. शिवसेना यूबीटी ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय के जरिए हस्तक्षेप करने पर सवाल खड़े किए हैं.मुखपत्र सामना में लिया कि भारत एक संप्रभु और स्वतंत्र राष्ट्र है. किसी भी बाहरी देश को हमारे मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है, लेकिन अमेरिका के प्रेसिडेंट ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष में हस्तक्षेप किया है और भारत ने ट्रंप के युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. ट्रंप ने अपने एक्स अकाउंट पर घोषणा की कि भारत ने युद्ध विराम स्वीकार कर लिया है. तब तक भारतवासियों और भारतीय सेना को इस युद्ध विराम के बारे में जानकारी नहीं थी.प्रेसिडेंट ट्रंप को सरपंच का यह अधिकार किसने दिया?

1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद दोनों देशों के बीच हुए शिमला समझौते के अनुसार, तीसरे देशों को दोनों देशों के बीच संघर्ष में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं थी, लेकिन अब भारत के प्रधानमंत्री ने ही शिमला समझौते का उल्लंघन किया.भारत ने ट्रंप के दबाव के आगे झुक कर युद्धविराम को मंजूरी दे दी, लेकिन क्या ऑपरेशन सिंदूर या पाकिस्तान का बदला पूरा हो गया है? इसका जवाब देश को नहीं मिला है. पाकिस्तान अभी भी उसी तरह खड़ा है और पाक प्रधानमंत्री ने यह घोषणा करके कि हमने युद्ध जीत लिया है, पहलगाम हमले में सिंदूर खोने वाली 26 बहनों के घावों पर नमक छिड़क दिया. जबकि यह सब हो रहा है, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री कहीं नजर नहीं आ रहे हैं.सामना में लिखा गया कि युद्ध शुरू होने से पहले गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में गरजते हुए कहा था कि पाक अधिकृत कश्मीर भारत का ही हिस्सा है. हम इसके लिए अपनी जान दे देंगे, लेकिन जब भारतीय सेना इस कश्मीर को लेने के लिए आगे बढ़ी तो मोदी-शाह ने सीधे युद्धविराम स्वीकार कर लिया और प्रेसिडेंट ट्रंप के सामने शरणागत हो गए.पाकिस्तान के साथ संघर्ष में कल तक सात जवानों का बलिदान हुआ, क्या वे व्यर्थ गए? पाक हमले में पुंछ, राजौरी में 12 निर्दोष नागरिक मारे गए उनकी क्या गलती थी? पाकिस्तान के साथ युद्ध शुरू होते ही प्रधानमंत्री मोदी का जोश इस तरह था कि अब वे पीछे नहीं हटेंगे. मोदी के जोश के चलते देश और सेना में नई ऊर्जा का निर्माण होते ही प्रेसिडेंट ट्रंप ने विघ्न डाल दिया. पाकिस्तान के हमले में सात भारतीय जवान शहीद हुए. इन्हीं में से एक हैं मुंबई के मुरली नाईक और इस युवा शहीद की उम्र महज 23 साल है.प्रेसिडेंट ट्रंप गांधी या मंडेला नहींभारत-पाकिस्तान युद्ध की चिंगारी उन्हीं छह आतंकियों ने लगाई और चिंगारी भड़क उठी, लेकिन जलती होली पर प्रेसिडेंट ट्रंप ने पानी डाला और सरकार उस होली का शोर मचा रही है. प्रेसिडेंट ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच शांति चाहते हैं, लेकिन प्रेसिडेंट ट्रंप महात्मा गांधी, मार्टिन लूथर किंग, नेल्सन मंडेला नहीं हैं. वे एक व्यापारी हैं. क्या प्रेसिडेंट ट्रंप ने भारत की संप्रभुता खरीद ली है? किसके बदले में? सौदा वास्तव में क्या था? देश को पता होना चाहिए.युद्धविराम का खेल शुरू होने के बाद भी रक्षा मंत्री ऑपरेशन सिंदूर को खींच रहे हैं. जबकि मुख्य सवाल आज भी बना हुआ है कि वे छह आतंकवादी आए कैसे और कैसे गायब हो गए? उनके ठौर-ठिकाने का पता क्यों नहीं लगा? ये सवाल पूछे जाएंगे. गुरुवार की रात जम्मू के सांबा सेक्टर से भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहे जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन के सात आतंकियों को सीमा सुरक्षा बल के वीर जवानों ने मार गिराया. इन जवानों ने पाकिस्तानी सीमा पर स्थित पोस्ट को तबाह कर दिया.आगे लिखा कि अगर भारतीय सीमा पर जैश के सात आतंकियों की घुसपैठ रोक उन्हें मार गिराया जाता है तो पहलगाम के पर्यटक स्थल पर घुसपैठ कर अंधाधुंध हमला करने वाले आतंकवादियों को कैसे अंदर घुसने दिया गया? कैसे खुला छोड़ दिया गया? कैसे उन्हें २६ बहनों का सिंदूर पोंछने दिया गया और ऐसा करने के बाद उनका क्या हुआ?

Written By
Aagaaz Express

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