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वैज्ञानिकों को मिली बड़ी सफलता,कैंसर बीमारी को लेकर आया बड़ा अपडेट

वैज्ञानिकों को मिली बड़ी सफलता,कैंसर बीमारी को लेकर आया बड़ा अपडेट
  • PublishedJune 18, 2025

कैंसर एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है. समय रहते कैंसर की पहचान कर ली जाए तो इलाज संभव है, लेकिन यह ऐसी बीमारी है, जिसकी शुरुआती पहचान जल्दी नहीं हो पाती है. ऐसे में मरीज कब फोर्थ स्टेज में पहुंचा जाता है यह पता नहीं चल पाता है. अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसी नई तकनीक खोजी है, जिससे कैंसर का पता इसके लक्षण दिखने से करीब तीन साल पहले ही लगाया जा सकता है. यह चौंकाने वाला रिसर्च अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी में हुई है. यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि अब कैंसर की पहचान 36 महीने पहले ही कर ली जाएगी. इससे कैंसर के मरीजों को इलाज करने में सुविधा होगी।यह शोध प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल Cancer Discovery में प्रकाशित हुआ है.

इसमें बताया गया है कि वैज्ञानिकों ने खून में मौजूद जीन में हुए बदलावों को पहचानने का एक तरीका खोजा है, जो यह बता सकता है कि व्यक्ति को भविष्य में कैंसर हो सकता है या नहीं. इस तकनीक को Multi-Cancer Early Detection टेस्ट कहा गया है.MCED टेस्ट एक तरह का एक्सपेरिमेंटल ब्लड टेस्ट है, जिसमें खून में मौजूद डीएनए, आरएनए या प्रोटीन के जरिए यह जांच की जाती है कि शरीर में किसी भी प्रकार के कैंसर के संकेत मौजूद हैं या नहीं. इस टेस्ट की खास बात यह है कि यह एक साथ कई प्रकार के कैंसर की पहचान कर सकता है, जो पारंपरिक टेस्ट से संभव नहीं हो पाता.वैज्ञानिकों ने 52 लोगों के ब्लड सैंपल्स की जांच की. इनमें से 26 लोगों को छह महीने के अंदर कैंसर का पता चला और 26 लोग स्वस्थ थे. शोध में पाया गया कि 8 लोगों में टेस्ट पॉजिटिव आया और उन्हें 4 महीनों के भीतर कैंसर डिटेक्ट हो गया. खास बात यह रही कि इन आठ में से छह लोगों के पुराने ब्लड सैंपल्स (करीब 3.1 से 3.5 साल पहले लिए गए) भी जांचे गए. इनमें से चार सैंपल्स में कैंसर से जुड़ी जेनेटिक म्यूटेशन यानी जीन में बदलाव पहले से ही मौजूद थे.शोध की चीफ का कहना है कि यह नतीजे वैज्ञानिकों के लिए भी हैरान करने वाले थे. अगर कैंसर का पता तीन साल पहले लग जाए, तो यह रोग शुरुआती स्टेज में ही पकड़ा जा सकता है, जिससे इलाज की संभावना और सफलता दोनों बढ़ जाती हैं.हालांकि, यह अभी शुरुआती चरण हैं, क्लिनिकल ट्रायल जारी है. उम्मीद की जा रही है कि आगे इसे और आसान बनाया जा सकता है।इस रिसर्च से यह तो साबित हो गया है कि MCED टेस्ट कैंसर की शुरुआती पहचान के लिए अच्छा साबित होगा, लेकिन अभी यह एक प्रयोगात्मक तकनीक है. शोधकर्ताओं का कहना है कि यह देखना जरूरी होगा कि पॉजिटिव टेस्ट के बाद मरीज का सही फॉलो-अप और इलाज कैसे किया जाए।

Written By
Aagaaz Express

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