शिवसेना ने की मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की जमकर तारीफ,जानिए क्या है अंदर का पूरा मामला?

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नये साल के पहले दिन नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिले का दौरा किया. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वह इस यात्रा के दौरान गढ़चिरौली जिले के संरक्षक मंत्री बनना चाहेंगे. नए साल के पहले दिन देवेंद्र फडणवीस के गढ़चिरौली दौरे का खास महत्व हो गया है. इसके साथ ही फडणवीस का दौरा काफी चर्चा में है. शिवसेना (UBT) के मुखपत्र सामना में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की जमकर तारीफ की गई है.सामना में लिखा कि यदि वर्तमान मुख्यमंत्री गढ़चिरौली को ‘नक्सली जिले’ के बजाय ‘स्टील सिटी’ के रूप में नई पहचान देते हैं, तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए. आगे लिखा कि फडणवीस गढ़चिरौली को आखिरी नहीं बल्कि महाराष्ट्र के पहले जिले के तौर पर पहचान दिलाने की कोशिश करेंगे तो यह गलत नहीं है.संपादकीय में लिखा कि नक्सलवाद भारतीय समाज पर एक कलंक है.

गढ़चिरौली जिले में नक्सलियों के कारण अब तक साधारण विकास भी नहीं हो सका है. लेकिन ऐसी जगहों पर अक्सर हुक्मरानों की इच्छाशक्ति ही महत्वपूर्ण साबित होती है. यदि मुख्यमंत्री फडणवीस ने इसे करके दिखाने का निर्णय लिया है तो यह खुशी की बात है. माओवाद के नाम पर जवान लड़के शरीर पर फौजी वर्दी चढ़ाते हैं, बंदूकें उठाते हैं, और दहशत फैलाने का काम करते हैं.मुखपत्र में आगे लिखा कि कुल मिलाकर ऐसा लगता है कि ‘संभावित संरक्षक मंत्री’ सीएम फडणवीस गढ़चिरौली में कुछ नया करेंगे. वहां के आदिवासियों की जिंदगी बदलेंगे. उन्होंने लिखा कि गढ़चिरौली में अब तक कुछ भी नहीं हुआ है. वहां के लोग नक्सलवादियों के विरोध में उंगली नहीं उठा सकते. उन्हें इन दोनों मोर्चों पर काम करते हुए नक्सलियों के विरोध को तोड़ना है और साथ ही विकास कार्यों को भी अंजाम देना है.फडणवीस की मौजूदगी में जाहल की महिला नक्सली तारक्का समेत 11 नक्सलियों का समर्पण किया है. साथ ही आजादी के बाद यानी 77 साल बाद पहली बार अहेरी से गरदेवाड़ा तक एसटी बस चली है, निश्चित रूप से मुख्यमंत्री के ‘मिशन गढ़चिरौली’ के बारे में बहुत कुछ कहती है .सामना में लिखा गया कि गढ़चिरौली के विकास का यह बीड़ा वहां की आम जनता और गरीब आदिवासियों के लिए ही उठाया जाए, किसी खनन सम्राट के लिए नहीं, यह कर दिखाने का ख्याल जरूर मुख्यमंत्री को रखना होगा. तभी उनका यह वादा सच होगा कि गढ़चिरौली के परिवर्तन की शुरुआत नए साल के सूर्योदय से शुरू हो गई है, हालांकि, बीड में बंदूक राज जारी है, लेकिन अगर गढ़चिरौली में संविधान का राज आ रहा है तो मुख्यमंत्री फडणवीस प्रशंसा के पात्र हैं.