जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर मामले में कल कोर्ट में पेश होगा सर्वे रिपोर्ट!मदनी ने लिखा सीजेआई को पत्र,कहा-संज्ञान लें

हिंसा के तीन दिन बाद बुधवार को पुलिस की ओर से जारी किए गए पोस्टरों में अधिकतर उपद्रवी 20 से 30 साल की उम्र के हैं। प्रशासन द्वारा जारी तस्वीरों में उपद्रवियों के हाथ में भी ईंट-पत्थर और हथियार दिख रहे हैं। कई उपद्रवियों के चेहरे पर नकाब भी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जो वीडियो और फुटेज मिले हैं उनमें नाबालिग और महिलाएं भी शामिल हैं। हालांकि, पुलिस ने महिलाओं और नाबालिगों के पोस्टर जारी नहीं किए हैं।एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि जितने वीडियो अभी तक सामने आए हैं, उसमें भीड़ को कोई रोकने या समझाने का प्रयास नहीं कर रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि जो भी आया वह भीड़ का हिस्सा बन गया और उपद्रव में शामिल हो गया। यह वीडियो कई तरह के सवाल उठा रहे हैं। भीड़ जामा मस्जिद के पीछे से ही क्यों पहुंची? उपद्रवियों के पास तमंचे कहां से आए?

इन सवालों के जवाब तलाशे जा रहे हैं। एक वीडियो में युवक मुंह पर कपड़ा बांधकर तमंचे से फायरिंग करता भी दिख रहा है। तमंचे का रुख सामने की ओर है।जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर मामले में शुक्रवार को कोर्ट में सुनवाई होगी। कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव न्यायालय में रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकते हैं। कोर्ट कमिश्नर ने बताया कि वह सर्वे की समीक्षा कर रहे हैं। 29 नवंबर को कोर्ट में रिपोर्ट पेश करनी है। यदि रिपोर्ट की समीक्षा पूरी नहीं हुई तो कोर्ट से समय बढ़ाने का आग्रह करेंगे। 19 नवंबर को हिंदू पक्ष ने कोर्ट में वाद दायर किया था। जिसमें मस्जिद की जगह हरिहर मंदिर होने का दावा किया है।जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद मौलाना महमूद मदनी ने संभल के बवाल के बाद मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना को पत्र लिखा है। मदनी ने कहा कि सर्वे के नाम पर की जा रही गतिविधियां विश्वास को कमजोर कर रही हैं। मदनी ने पत्र में समस्या का स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई के जरिए समाधान करने की मांग की है।