नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री बनेंगी सुशीला कार्की,भारत के लिए है शुभ संकेत?

पड़ोसी देश नेपाल में सत्ता बदल चुकी है. युवाओं के विरोध प्रदर्शन के आगे केपी शर्मा ओली को झुकना पड़ा. कमान अब सुशीला कार्की को सौंपी जानी है. वह अंतरिम प्रधानमंत्री बनेंगी. सुशीला नेपाल सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला चीफ जस्टिस रह चुकी हैं. 73 वर्षीय सुशीला कार्की का सत्ता में आना भारत के लिए शुभ संकेत है, क्योंकि उन्होंने बुधवार को जो बयान दिया है उसमें बहुत कुछ छिपा है.कार्की की भारत को लेकर क्या सोच है उसे जानने से पहले उनके बारे में जान लेते हैं. सुशीला कार्की पिछले कई वर्षों से नेपाल में सरकार विरोधी प्रदर्शन का चेहरा रही हैं. 11 जुलाई, 2016 को वह नेपाल सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश बनीं. उन्होंने न्यायिक स्वतंत्रता का पालन करते हुए नेपाल सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ कई फैसले लिए थे. अपने इन कदमों की वजह से वह नेपाल के Gen Z के बीच लोकप्रिय बनीं. सुशीला कार्की का भारत से भी कनेक्शन रहा है. उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन यहीं से किया है. बनारस हिंदू यूनिर्वसिटी से उन्होंने राजनीतिक विज्ञान में PG किया.किसी भी दो देशों के बीच का संबंध सत्ता पर काबिज नेताओं की सोच से तय होता है. इतिहास इस बात का साक्षी रहा है. ताजा उदाहरण बांग्लादेश का ही है. शेख हसीना वहां की पीएम थीं तो भारत और बांग्लादेश के संबंध मजबूत थे, लेकिन यूनुस के आने के बाद इसमें गिरावट आ गई. हिंदुओं पर हमले शुरू हो गए. हालांकि नेपाल की स्थिति में इसके विपरीत हो सकता है.ओली भारत विरोधी थे.

भारत और नेपाल के संबंध बिगाड़ने के लिए उन्होंने वो सारे कार्य किए. लेकिन अब हालात बदलेंगे. कार्की का बैकग्राउंड और उनका हालिया बयान तो इसी ओर इशारा करता है.सुशीला कार्की को भारत में बिताए दिन आज भी याद हैं. उन्होंने बुधवार को कहा कि मुझे आज भी BHU के शिक्षक याद हैं. वहां के दोस्त याद हैं. गंगा नदी याद है. BHU के दिनों को याद करते हुए सुशीला ने कहा कि गंगा के किनारे एक हॉस्टल हुआ करता था. गर्मी की रातों में हम छत पर सोया करते थे.सुशीला कार्की भारत और नेपाल के संबंधों को लेकर सकारात्मक हैं. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिवादन करती हूं. पीएम मोदी के बारे में मेरी अच्छी राय है. उन्होंने आगे कहा, हम कई दिनों से भारत के संपर्क में नहीं हैं. हम इस बारे में बात करेंगे. जब कोई अंतरराष्ट्रीय मामला होता है, दो देशों के बीच का होता है, तो कुछ लोग मिलकर बैठकर नीति बनाते हैं।